इससे पहले रूस भारत के लिए कच्चे तेल का मुख्य स्रोत था
New Delhi। भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात नवंबर में नीचे गिरकर जून, 2022 के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है, जो एक यूरोपीय शोध संस्थान की मासिक रिपोर्ट से प्रकट हुआ है। इससे पहले, रूस भारत के लिए कच्चे तेल का मुख्य स्रोत था।
परंतु फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हुए हमले के बाद, अब भी रूस से कच्चे तेल के आयात में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट मुख्य रूप से इसलिए हुई है क्योंकि रूस में कच्चे तेल उपलब्धता में छूट मिली थी, और यूरोपीय देशों ने भी रूस से कच्चे तेल की खरीद से बचाव किया। इसलिए रूसी कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध अन्य विकल्पों से कम थी। एक रिपोर्ट के अनुसार नवंबर में भारत के रूसी कच्चे तेल के आयात में 55 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है, जो जून, 2022 के बाद का सबसे निचला स्तर है। हालांकि, रूस अब भी भारत के लिए कच्चे तेल की प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है।
रूस के आयात से अधिकतम जीवाश्म ईंधनों में से, भारत नवंबर में रूसी जीवाश्म ईंधन के तीसरे सबसे बड़े खरीदार बन गया है। रूसी कच्चे तेल के साथ-साथ, भारत ने रूस से कम कोयला भी आयात किया है, जिसकी मात्रा हालात पर आधारित है। इस पूरे विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर और ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि भारत के ऊर्जा संगठन सुनिश्चित कर सकें कि देश की ऊर्जा खाप्रवृत्तिकी में विश्वस्त स्थिति बनाए रखने हेतु कोई और वैकल्पिक स्रोत हो।
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