Kanpur : पनकी श्रीहनुमान मंदिर के महंत जितेन्द्र दास,अरुण पुरी जी महाराज, रमाकांत महाराज, बाबा आनंदेश्वर मन्दिर के महंत अरुण भारती ने कहा कि, बांग्लादेशी हिन्दुओं के समर्थन में और वैश्विक समुदाय पर दबाव बनाने के लिए 10 दिसंबर को बड़ा चौराहा में अपराह्न 1: 00 बजे बांग्लादेशी हिन्दू रक्षा संघर्ष समिति द्वारा विशाल धरना देकर महामहिम राष्ट्रपति जी के नाम संबोधित ज्ञापन मंडलायुक्त को सौंपा जाएगा।
संतो ने कहा की क्या केवल आतंकवादियों के ही मानवाधिकार हैं, क्या पूरे विश्व के मानवाधिकार के झंडा अलंबरदारों को बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार नहीं दिख रहे हैं, याकूब मेनन जैसे आतंकवादियों की सजा टलवाने को आधी रात को सुप्रीम कोर्ट खुलवाने वाले तथाकथित बुद्धिजीवियों को बांग्लादेश में हिन्दू महिलाओं पर हो रहे घृणित अत्याचार नहीं दिख रहे है।
महिलाओं के बलात्कार हत्याएं, बच्चों तक की हत्याएं, बांग्लादेश के अंदर जिस प्रकार से हिंदू संस्कृति के मानबिंदुओं हिंदू देवालयों पर लक्षित हमले हो रहे हैं वह अत्यंत चिंताजनक है।
बांग्लादेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु जी को बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार द्वारा षडयंत्रपूर्वक अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना, न्यायपालिका द्वारा इसको संज्ञान में नहीं लिया जाना ।
स्वामी चिन्मय कृष्ण प्रभु दास जी के वकील रमेन रॉय को मरणासन्न किया जाना, उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक व अमानवीय है तथा हिंदू समाज के मानवाधिकारों का हनन भी है बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसमें वामपंथियों द्वारा वहां की कार्यवाहक सरकार द्वारा पोषित इस्लामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन किया जा रहा है।
यह दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय ने, वैश्विक संगठनों ने इस घटनाक्रम पर जितनी चिंता व्यक्त करनी चाहिए थी, जैसी रोक लगनी चाहिए थी वैसी रोक नहीं लगाई है ।
वैश्विक संगठन, मानवाधिकार संस्थाएं इन सब घटनाओं को अपने संज्ञान में लेते हुए बांग्लादेश सरकार के ऊपर दबाव बनायें कि हिंदुओं के ऊपर उत्पीड़न व अत्याचार एवं देवालयों को लक्षित करके निशाना बनाए जाने की घटनाओं को तत्काल रोकें और तुरंत प्रभाव से इस्कॉन के मुख्य पुजारी श्री चिन्मय कृष्ण दास प्रभु जी की तत्काल रिहाई की जाए।
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