सफाई व्यवस्था को लेकर चिंतित दिखे पार्षद ,मलिन बस्तियों में निःशुल्क होगा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन
सदन में नं आने वाले अधिकारियों की सूची महापौर ने की तलब ,एक दिन का वेतन काटने के दिए आदेश
Kanpur ।नगर निगम सदन की शुक्रवार को हुई बैठक में पार्षद सफाई व्यवस्था को लेकर मुखर नजर आए। पार्षदों ने वार्डों में सफाई कर्मचारियों की कमी का मुद्दा उठाते हुए अफसरों को घेरा, तो महापौर प्रमिला पांडेय ने इस बात के निर्देश दिए कि वार्डों में जितने सफाई कर्मचारियों की जरूरत है।इसकी कार्ययोजना तैयार की जाए। इसके बाद सभी वार्डों में जरूरत के मुताबिक, सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाए, जिससे कि स्वच्छता के मामले में कानपुर में किसी तरह की दिक्कत न आने पाए।
इसके अलावा एक बीट 299 मीटर तय कर सफाई कर्मचारियों की तैनाती जाय।जिससे कि बेहतर ढंग से मोहल्लों में साफ सफाई हो सके. इसके अलावा हर वॉर्ड में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन तेज करने को कहा गया।जिसपर नगर आयुक्त ने कहा कि मलिन बस्तियों में भी डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाए, जहां पर रूपया देने में दिक्कत है, उस मलिन बस्ती में फ्री में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाएगा।
इसके अलावा, नए साल पर हर पार्षद के वार्ड में 20—20 लाख के विकास कार्य की तोहफा भी दिया गया, साथ ही पूर्व में स्वीकृत हुए 25 लाख के काम में जिस वार्ड में तय धनराशि के मुताबिक काम नहीं हुए हैं, वहां पर भी संबंधित पार्षद से प्रस्ताव लेकर विकास कार्य कराने के निर्देश महापौर ने दिए. पार्षदों ने जब एक प्रतिशत नामांतरण शुल्क को लेकर सवाल उठाए, तो बताया गया कि इसका मामला अभी कोर्ट में है. कोर्ट जैसा निर्णय करेगा, उसी के अनुसार आगे फैसला लिया जाएगा. सदन में नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि कानपुर में 700 पार्क हैं,, अभियान चलाकर सभी पार्कों की दिक्कतों को दूर किया जाएगा।
रोड कटिंग के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि इसकेा लेकर केस्केा अधिकारियों से बातचीत हो गई है. अब केस्को जितनी रोड कटिंग करेगा, उतनी सड़क उसको बनवानी पड़ेगी. पार्षदों के भत्ते पर बताया कि इसका प्रस्ताव शासन भेजा जाएगा. महापौर ने सदन से नदारद रहने वाले अफसरों पर नाराजगी जताते हुए कारण बताओ नोटिस और एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए. मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर आ रही समस्याओं पर महापौर ने नगर आयुक्त को निर्देश दिए कि यह शहर की बड़ी समस्या होती जा रही है, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे कि आवेदक को आवेदन के एक सप्ताह बाद प्रमाण पत्र मिल जाए।
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