Akhilesh yadav: उत्तर प्रदेश में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के अदालत के आदेश के विरोध में हुई संभल हिंसा
के संबंध में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई है।
हालांकि, इस एफआईआर को समाजवादी पार्टी योगी सरकार पर सवाल खड़े कर रही है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि उपचुनाव के दौरान वोट लूटने और अपने कुकर्मों को छुपाने के लिए योगी सरकार ने जानबूझ कर ऐसा किया है।
सपा नेता ने कहा कि कुछ लोग यहां तक कहते हैं कि फिल्म द साबरमती रिपोर्ट देखने के बाद उन्हें लगा कि वे भी बड़े नेता बनना चाहते हैं।
इसीलिए ये सब किया गया। उन्होंने कहा कि हमारे सांसद संभल में थे ही नहीं, इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
यह योगी सरकार द्वारा किया गया दंगा है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी सांसद और सभी विपक्षी दलों के लोग सवाल को संसद में उठाना चाहते थे लेकिन जब भी हमें समय मिलेगा हम इस मुद्दे को उठाएंगे।
हमारा प्रतिनिधिमंडल संभल जाकर पीड़ितों से मुलाकात करेगा। सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क की भी प्रतिक्रिया आई है।
पूरे मामले पर बर्क ने कहा कि संभल में पुलिस प्रशासन ने जो घटना को अंजाम दिया है, इस घटना ने पूरी मानवता को झकझोर कर रख दिया है।
प्रदेश व देश की छवि को धूमिल किया है। 24 को संभल क्या, मैं प्रदेश में भी नहीं था, मैं बेंगलुरु गया था इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में शामिल हुए, लेकिन मेरे खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया गया।
यह पुलिस प्रशासन की साजिश है। उन्होंने कहा कि जब जनता को पता ही नहीं चलेगा कि आप सर्वे करने आ रहे हैं तब वे क्या साजिश करेंगे?
साजिश के तहत उन्होंने हथियारों का इस्तेमाल किया है, उन्होंने हमारे 5 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी है, कई लोग घायल हैं, एक झूठा मामला दर्ज किया गया है।
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