फसलों पर भारी पड़ेगी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि
New Delhi । भारत के उत्तरी मैदानों में हफ्ते के अंत में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बेमौसम बारिश होने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई। यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ की हलचल के कारण हुई है। पश्चिमी विक्षोभ अब इस क्षेत्र से दूर जाना शुरू हो गया है। जैसे-जैसे पश्चिमी विक्षोभ (मौसम प्रणाली) पीछे हट रहा है वैसे ही बर्फ से ढके पहाड़ों से सूखी और ठंडी हवाएं उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के भागों में चलनी शुरू हो जाएंगी। जिससे न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट आएगी।
लेकिन आने वाले दिनों में फिर से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि एक और पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय की ओर बढ़ रहा है। यह मौसम प्रणाली (पश्चिमी विक्षोभ) उत्तर राजस्थान और उससे सटे पंजाब और हरियाणा में प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण को सक्रिय करेगी। इस प्रणाली के प्रभाव से उत्तर राजस्थान में सबसे पहले बारिश और गरज-चमक की गतिविधियां शुरू होंगी। धीरे-धीरे यह गतिविधियां पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर के कई हिस्सों में फैलेंगी।
कृषि के लिए बड़ा खतरा बन सकती है ओलावृष्टि
गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि की संभावना भी बनी हुई है, जो कृषि के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। अगर ऐसा होता है, तो ओलावृष्टि खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है, विशेषकर जो फसलें विकास के चरण में हैं। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है, जिससे इस कठोर मौसम में होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
वीकेंड पर बारिश का अलर्ट
पश्चिमी विक्षोभ के हटने के कारण वीकेंड से पहले तक न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट होगी। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में ठंड का प्रकोप देखा जाएगा और रातें बेहद सर्द होंगी। हालांकि, यह ठंडा मौसम ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगा क्योंकि नया पश्चिमी विक्षोभ तापमान के रुझान को पलट देगा। जैसे-जैसे बारिश और बादल छाने की संभावना बढ़ेगी, न्यूनतम तापमान फिर से बढऩे लगेगा। खासकर 11 जनवरी से उत्तर पश्चिम भारत और उससे सटे उत्तर प्रदेश के मैदानों में बारिश होगी और तापमान बढ़ेगा।