हिंदी अब वैश्विक सीमाओं को लांघकर विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर:. प्रो सीमा परोहा
Kanpur ।राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर एक नई परंपरा का आरंभ करते हुये अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, ने प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर नगर के हिंदी सेवियों को सम्मानित किये जाने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में इस वर्ष संस्थान के द्वारा हिंदी साहित्य साधना में वर्षों से अपनी कविताओं और कहानियों के माध्यम से सराहनीय योगदान दे रहीं।
डॉ.कमल मुसद्दी का सम्मान संस्थान की निदेशक, प्रो.सीमा परोहा द्वारा किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ हिंदी सेवी श्जगदीश नारायण सिंह ने अपनी विशिष्ट उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढाई। संस्थान की निदेशक प्रो.परोहा द्वारा शाल एवं पुस्तक भेंटकर श्जगदीश नारायण सिंह का अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुये संस्थान की निदेशक, प्रो.सीमा परोहा ने यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी का संदेश पढ़ते हुये कहा कि देवभाषा की सगी बहन हिंदी अब वैश्विक सीमाओं को लांघकर विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है। हिंदी विश्व के लगभग सभी भागों में बोली और समझी जाती है। विश्व व्यापार में भी इसका बड़ा योगदान है। चीनी और अंग्रेजी के बाद विश्व में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाने वाली भाषा हिंदी में विश्वभाषा बनने के सभी गुण हैं। वह दिन दूर नहीं जब हमारी हिंदी विश्वभाषा घोषित की जायेगी।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्री एस.के.त्रिवेदी, श्री अशोक कुमार गर्ग, डॉ.अशोक कुमार, डॉ.विनय कुमार, डॉ.अनंत लक्ष्मी रंगराजन, श्री मिहिर मंडल, श्री संजय चौहान, श्री अनूप कुमार कनौजिया, श्री वीरेन्द्र कुमार, डॉ.सुधांशु मोहन, श्री बृजेश कुमार साहू, डॉ.लोकेश बाबर, श्री अखिलेश कुमार पांडे, श्री सुनीत कपूर, श्री योगेश श्रीवास्तव, श्री दया शंकर मिश्र आदि वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मल्लिका द्विवेदी, सहायक निदेशक (राजभाषा) ने किया।