Kanpur।छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी (सीएसजेएमp),और फार ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी (एफईएफयू), रूस, ने एक विस्तृत MoU साइन किया गया। यह साझेदारी शिक्षा, अनुसंधान, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई दिशा देने के उद्देश्य से की गई है।
इस MoU में दोनों संस्थानों ने भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विस्तृत और ठोस प्रावधान किए हैं, जो न केवल छात्रों और शिक्षकों को वैश्विक मंच देंगे, बल्कि टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को भी बढ़ावा देंगे
MoU के मुख्य प्रावधान
1. संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रम
दोनों विश्वविद्यालय मिलकर उभरते क्षेत्रों में विशेष शैक्षणिक कार्यक्रम तैयार करेंगे:
•आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): एआई के एडवांस्ड एल्गोरिदम, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग पर कोर्स।
•डेटा साइंस और एनालिटिक्स: डेटा मैनेजमेंट, बिग डेटा और एनालिटिक्स पर संयुक्त शोध।
•साइबर सुरक्षा: साइबर हमलों और डेटा सुरक्षा पर विशेष कोर्स और वर्कशॉप।
2. छात्र और फैकल्टी आदान-प्रदान
•हर साल CSJM और FEFU दोनों संस्थानों के छात्र और शिक्षक एक-दूसरे के कैंपस में शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जाएंगे।
•छात्रों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव और ग्लोबल इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स के हिसाब से तैयार किया जाएगा।
3. शोध और नवाचार
•सांझा शोध परियोजनाए: आई, आईटी, और बायोटेक्नोलॉजी में मिलकर काम।
•टेक्नोलॉजी ट्रांसफर: दोनों देशों के वैज्ञानिक और शोधकर्ता नई खोजों और तकनीकी समाधानों का आदान-प्रदान करेंगे।
•स्टार्टअप सहयोग: दोनों विश्वविद्यालयों के इनक्यूबेशन सेंटर्स मिलकर स्टार्टअप्स को बढ़ावा देंगे।
4. प्रोग्रामिंग और तकनीकी प्रतियोगिता
•संयुक्त रूप से प्रोग्रामिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जैसे ICPC (International Collegiate Programming Contest)।
•छात्रों को ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।
5. सांस्कृतिक और भाषाई आदान-प्रदान
•भारत और रूस की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए खास प्रोग्राम।
•दोनों देशों के छात्रों को एक-दूसरे की भाषा, परंपराओं और कला को समझने का मौका मिलेगा।
6. डिजिटल और टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स का विकास
•एआई और आईटी आधारित प्लेटफॉर्म का उपयोग करके वैश्विक चुनौतियों के समाधान।
•छात्रों और शिक्षकों के लिए ई-लर्निंग पोर्टल और शोध डेटा का साझा उपयोग।
7. टेक्नोलॉजी ब्रिज की स्थापना
•इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थानों के बीच एक “टेक्नोलॉजी ब्रिज” तैयार किया जाएगा।
•यह ब्रिज उद्योग और शिक्षाविदों के बीच संवाद को बढ़ावा देगा।
साझेदारी के विशेष लाभ
छात्रों के लिए
•अंतरराष्ट्रीय अनुभव और एक्सपोजर।
•रूस में उच्च-स्तरीय प्रयोगशालाओं और सुविधाओं का उपयोग।
•ग्लोबल इंडस्ट्री की मांगों के हिसाब से ट्रेनिंग।
शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए
•अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध और अनुदान (Funding) के अवसर।
•सांझा शोध और तकनीकी विकास में भागीदारी।
•एआई और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में नई विशेषज्ञता।
सांस्कृतिक समृद्धि
•भारतीय और रूसी संस्कृति का अनूठा मिश्रण।
•दोनों देशों के छात्रों को एक-दूसरे की कला, संगीत, और परंपराओं से जोड़ना।
भविष्य की योजनाएं
इस MoU के तहत अगले पांच सालों में निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे:
1.हर साल 50 छात्रों और 10 शिक्षकों का आदान-प्रदान।
2.एआई और आईटी में तीन बड़े रिसर्च प्रोजेक्ट।
3.संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और वर्कशॉप का आयोजन।
4.दोनों देशों में सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन।
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