मुहम्मद जमील और यूसुफ अजहर दोनों मौलाना मसूद अजहर के साले
New Delhi । पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की सूची सामने आई है। इसमें जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर के अलावा, लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अबू जुंदाल और जैश के फंडरेजर हाफिज मोहम्मद के नाम भी शामिल हैं।
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुदस्सर खादियान खास, हाफिज मुहम्मद जमील, मोहम्मद यूसुफ अजहर, खालिद (अबू अकाशा) और मोहम्मद हसन खान उन पांच आतंकियों में शामिल हैं, जो ऑपरेशन सिंदूर के तहत मारे गए।
मुहम्मद जमील और यूसुफ अजहर दोनों मौलाना मसूद अजहर के साले थे। मुदस्सर खादियान खास मुरीदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय मरकज तैयबा का प्रमुख था। यूसुफ अजहर आईसी-814 अपहरण मामले में वांटेड था और हसन पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था।
हाफिज मुहम्मद जमील: हाफिज मुहम्मद जमील जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था और मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला था। वहां बहावलपुर में स्थित जैश के मुख्यालय मरकज सुभान अल्लाह का प्रभारी था, इस मुख्यालय को भारतीय सेना ने 7 मई को एयर स्ट्राइक में तबाह किया था। वह युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से परिचित कराता था यानी उनका ब्रेनवॉश करके उन्हें फिदायीन और आतंकी बनाता था।
वह जैश-ए-मोहम्मद के लिए धन जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल था।
मोहम्मद यूसुफ अजहर: मोहम्मद यूसुफ अजहर को उस्ताद जी, मोहम्मद सलीम और घोसी साहब के नाम से भी जाना जाता था! वह भी जैश-ए-मोहम्मद का एक प्रमुख कमांडर था। यूसुफ जैश चीफ मसूद अजहर का साला था। वह जैश-ए-मोहम्मद के लिए हथियार ट्रेनिंग का जिम्मा संभालता था यानी आतंकियों को मिलने वाले हथियार प्रशिक्षण की देखरेख करता था।
मोहम्मद यूसुफ अजहर जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल और आईसी-814 कंधार हाईजैक मामले में भारत को उसकी तलाश थी।
खालिद उर्फ अबू अकाशा: खालिद उर्फ अबू अकाशा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था। जम्मू और कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा था। अफगानिस्तान के रास्ते हथियारों की तस्करी कराने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। आतंकी को फैसलाबाद के एक कब्रिस्तान में दफनाया गया।
अबू अकाशा के नमाज-ए-जनाजा में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए।मोहम्मद हसन खान: मोहम्मद हसन खान जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था। वह पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था।
मुदस्सर खादियान खास उर्फ अबू जुंदाल: वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था। मुरीदके में लश्कर के मुख्यालय मरकजे तैयबा का प्रभारी था। पाकिस्तानी सेना ने अबू जुंदाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। उसके जनाजे की नमाज एक सरकारी स्कूल में पढ़ी गई, जिसका नेतृत्व जेयूडी (एक घोषित वैश्विक आतंकवादी संगठन) के हाफिज अब्दुल रऊफ ने किया।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने मिट्टी दी और उसके लिए फातिहा पढ़ा। पाकिस्तानी सेना के एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी अबू जुंदाल के नमाज-ए-जनाजा में शामिल हुए।