रोड-सेफ्टी नियम लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई…कोर्ट का 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों को अनुपालन रिपोर्ट देने का आदेश, कोर्ट ने कहा
लोगों की जान से हो रहा खिलवाड़!
-कोर्ट ने कहा-एक्सीडेंट वाली जगहों, जंक्शनों पर लगाए जाए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
New Delhi । देश में 5 साल में सडक़ हादसों में 7.77 लाख मौतें हुई हैं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्यों में रोड सेफ्टी उपाय और मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों को लागू करने के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि नियमों को लेकर राज्य कोताही बरत रहे हैं। देश में लोगों की जान से खिलवाड़ हो रहा है।
कोर्ट ने 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों को इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और रोड सेफ्टी उपायों से संबंधित कानूनी प्रावधानों और नियमों के अनुपालन पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा कि 5 राज्यों- पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और एक केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली ने अपनी अनुपालन रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
बेंच ने बचे हुए 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों से अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है, जिसे रोड सेफ्टी को लेकर बनाई गई सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के पास भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि 2022 में देश में कुल 4,61,312 सडक़ हादसे दर्ज किए गए, जिनमें से 1,55,781 (33.8 प्रतिशत) जानलेवा थे। इन हादसों में 1,68,491 लोगों की मौत हुई और 4,43,366 लोग घायल हुए। 2021 की तुलना में 2022 में कुल सडक़ हादसों में 11.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ, जबकि सडक़ दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 9.4 प्रतिशत और घायलों की संख्या में 15.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। बेंच ने कहा कि राज्य सरकारों को एक्सीडेंट होने वाली जगहों, जंक्शनों और 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाने की जरूरत है।
कोर्ट ने सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को जल्द अनुपालन के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश भेजने का निर्देश भी दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर 2024 को सभी राज्य सरकारों को मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 की धारा 136ए को लागू करने का निर्देश दिया था। जो तेज गति से चलने वाले वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक रूप से निगरानी करने की परमिशन देता है।
इस एक्ट के नियम 167ए के तहत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फुटेज के आधार पर चालान जारी किए जा सकते हैं। कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को इसको लेकर कदम उठाने का भी निर्देश दिया था।
कमेटी 25 मार्च को रिपोर्ट की समीक्षा करेगी
बेंच ने बताया कि रोड सेफ्टी पर बनाई गई कमेटी द्वारा 25 मार्च को इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अनुपालन रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद केंद्र इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और रोड सेफ्टी के उपायों की संचालन प्रक्रिया तैयार करने में विचार कर सकता है। पैनल रोड सेफ्टी रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के लिए 6 राज्यों की सहायता ले सकता है।
पांच साल में सडक़ हादसों में 7.77 लाख मौतें हुई
देश में 5 साल में सडक़ हादसों में 7.77 लाख मौतें हुई हैं। सबसे ज्यादा 1.08 लाख मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं। इसके बाद तमिलनाडु 84 हजार मौत और महाराष्ट्र 66 हजार मौत के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं। अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से जारी किए गए 2018 से 2022 के डेटा के आधार पर रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने ‘रोड एक्सीडेंट इन इंडिया, 2022’ रिपोर्ट जारी की है।
इसके मुताबिक, 2021 में देश में सडक़ हादसों में 1,53,972 मौतें हुई थीं, जो 2022 में बढक़र 1,68,491 हो गईं। केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 12 दिसंबर को कहा था कि दुनिया में सडक़ हादसों को लेकर सबसे खराब रिकॉर्ड हमारा है। जब भी मैं किसी अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में शामिल होने जाता हूं और वहां सडक़ हादसों को लेकर बात होती है, तो मैं अपना मुंह छुपाने की कोशिश करता हूं।
सडक़ हादसों में मौत मामले में टॉप 10 राज्य
राज्य मौतें
उत्तर प्रदेश 1,08,002
तमिलनाडु 84,316
महाराष्ट्र 66,470
मध्य प्रदेश 58,580
कर्नाटक 53,448
राजस्थान 51,280
आंध्र प्रदेश 39,058
बिहार 36,191
तेलंगाना 35,565
गुजरात 34,626