Kanpur ।श्याम नगर के श्री नंदीश्वर धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन रविवार को कथा व्यास रूद्र कृष्ण जी महाराज ब्रह्मावर्त धाम ने ध्रुव व विदुर चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाया। पूज्य महाराज श्री ने कहा कि अगर ध्रुव पांच साल की उम्र में भगवान को पा सकता है, तो फिर हम कैसे पिछड़ सकते हैं। अगर सच्चे मन से भगवान की भक्ति की जाए, तो भगवान खुद अपने भक्तों से मिलने पहुंच जाते है।
कथा के दौरान झांकियां भी सजाई गई। वहीं विदुर प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम की व्याकुलता के बारे में उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण विदुरजी की कुटिया में भोजन करने गए और वहां केले के छिलकों का भोग स्वीकारा। इससे पहले वे दुर्योधन के महल में छप्पन भोग का त्याग कर आए थे। भगवान तो प्रेम के भूखे होते हैं और विदुर-विदुरानी ने भगवान को प्रेम से भोजन करवाया तो उन्होंने केले के छिलके भी प्रेम से खा लिए। कथा के दौरान पूज्य महाराज ने श्रद्धालुओं के समक्ष सृष्टि वर्णन के प्रसंग को भी विस्तार से सुनाया।शिव पार्वती के सुन्दर विवाह की कथा के साथ सुन्दर झांकी का भी दर्शन प्राप्त हुआ।
इस मौके श्री नीरज कुमार बनौधा,श्री जितेन्द्र कुमार गुप्ता एवं श्री वंदना गुप्ता ,वरुण शुक्ला,श्याम शुक्ला,सतीश परिहार,श्री गौरव बनौधा एवं श्री नेहा बनौधा ,आचार्य दीपक द्विवेदी,विजय जी,पंकज कुशवाहा आदि समेत काफी संख्या में भक्तों ने उपस्थित होकर कथा का आनंद लिया।