चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल तक स्टेशनों पर तीन ऑग्ज़ीलरी सब-स्टेशन और दो ऑग्ज़ीलरी कम ट्रैक्शन सब-स्टेशन करेंगे बिजली की आपूर्त
Kanpur ।कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत मोतीझील से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवा के विस्तार की तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रहीं हैं। इस अंडरग्राउंड स्ट्रेच में मेट्रो ट्रेनों के परिचालन और स्टेशनों पर स्थापित विभिन्न प्रणालियों जैसे टीवीएस, ईसीएस, एएफसी तथा विभिन्न उपकरणों जैसे, बल्ब, लिफ्ट, एस्केलेटर आदि को संचालित करने के लिए बिजली सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। कानपुर मेट्रो ने इसके लिए अपने सभी स्टेशनों पर समुचित प्रबंध कर लिए हैं। पांचों स्टेशनों में से तीन पर ऑग्ज़ीलरी सब-स्टेशन (एएसएस) और दो पर ऑग्ज़ीलरी कम ट्रैक्शन सब-स्टेशन (एएसएस कम टीएसएस) स्थापित किए गए हैं।
*सब-स्टेशन कैसे करते हैं काम?*
बता दें कि कानपुर मेट्रो ट्रेन के संचालन हेतु उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीटीसीएल) के ग्रिड से 220 केवी की सप्लाई ली जाती है। बैलेंस सेक्शन पर मेट्रो ट्रेनों और स्टेशनों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए फूलबाग और लखनपुर में 220/33 केवी रिसीविंग सब-स्टेशन स्थापित किए गए हैं। यूपीपीटीसीएल के ग्रिड से मिल रहे 220 केवी की सप्लाई को यहां स्टेप डाउन ट्रांसफॉमर्स की मदद से 33 केवी में बदला जाता है।
रिसीविंग सब-स्टेशन से स्टेशनों पर स्थापित एएसएस कम टीएसएस (ऑग्ज़ीलरी कम ट्रैक्शन सब-स्टेशन) और एएसएस (ऑग्ज़ीलरी सब-स्टेशन) में 33 केवी बिजली की सप्लाई की जाती है।
एएसएस कम टीएसएस में दो ऑग्ज़ीलरी और दो ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर्स लगे होते हैं। ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर्स और रेक्टिफायर पैनल की मदद से 33 केवी करंट को 750 वोल्ट डीसी में बदलकर ट्रेन संचालन हेतु प्रयोग किया जाता है। कानपुर मेट्रो ने ये एएसएस कम टीएसएस सब-स्टेशन एक-एक मेट्रो स्टेशन के अंतराल पर स्थापित किए हैं। प्रॉयोरिटी कॉरिडोर पर आईआईटी से मोतीझील के बीच पांच एएसएस कम टीएसएस सब-स्टेशन आईआईटी, एसपीएम हॉस्पिटल, गुरूदेव चौराहा, रावतपुर और मोतीझील स्टेशन में हैं।
मोतीझील के आगे ट्रेनों के परिचालन के लिए नवीन मार्केट और नयागंज स्टेशन में एएसएस कम टीएसएस स्थापित किए गए हैं। बता दें कि 750 वोल्ट डीसी करंट पर चलने वाली कानपुर मेट्रो ट्रेनें संचालन हेतु पारंपरिक ओएचई की जगह थर्ड रेल का प्रयोग करतीं हैं। इन्हें एएसएस कम टीएसएस से ही ऊर्जा मिलती है। 750 वोल्ट डीसी को ट्रेन में लगे उपकरण खुद ही 425 वोल्ट एसी में बदल देते हैं, जिससे ट्रेन के अंदर के सभी विद्युत उपकरण चलते हैं।
इसके अलावा मेट्रो स्टेशनों में लगे एस्कलेटर्स, लाइटिंग, लिफ़्ट्स, एयर-कंडीशनिंग सिस्टम आदि के संचालन हेतु रिसीविंग सब-स्टेशन से मिले 33 केवी की सप्लाई को मेट्रो स्टेशन पर स्थापित एएसएस (ऑग्ज़ीलरी सब-स्टेशन) में लगे दो ट्रांसफॉर्मर्स की मदद से 415 वोल्ट एसी में परिवर्तित किया जाता है। ये सब-स्टेशन चुन्नीगंज, बड़ा चौराहा और कानपुर सेंट्रल में स्थापित किए गए हैं। एएसएस और एएसएस कम टीएसएस के लिए ट्रांसफॉर्मर्स इंस्टॉल करने के बाद उनकी टेस्टिंग आदि प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर जनरल से सर्टिफिकेशन भी प्राप्त हो चुका है। ट्रायल रन के दौरान ट्रेनों को बिजली की सप्लाई इन्हीं सब-स्टेशनों के माध्यम से होगी।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि, “कानपुर मेट्रो के निर्माणाधीन सेक्शन में फिनिशिंग कार्यों के साथ-साथ सिस्टम इंस्टॉलेशन के कार्य भी तेजी से पूरे हो रहे हैं।