Tuesday, May 13, 2025
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Delhi : सीजेआई चंद्रचूड़ ने आखिरी वर्किंग डे पर 45 केस सुने

10 नवंबर को सीजेआई का पद संभालेंगे जस्टिस संजीव खन्ना

Delhi । सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे, लेकिन उससे पहले 8 नवंबर यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी वर्किंग डे था। सीजेआई चंद्रचूड़ की विदाई के लिए सेरेमोनियल बेंच बैठी। जिसकी लाइव स्ट्रीमिंग हुई। इसमें उनके साथ जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, वरिष्ठ वकीलों के अलावा 10 नवंबर से सीजेआई का पद संभालने वाले जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल हुए। जस्टिस खन्ना देश के 51वें सीजेआई होंगे।
जस्टिस चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को बतौर सिटिंग जज, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किए गए थे। अपने कार्यकाल में सीजेआई चंद्रचूड़ 1274 बेंचों का हिस्सा रहे। उन्होंने कुल 612 फैसले लिखे। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों में सीजेआई चंद्रचूड़ ने सबसे ज्यादा फैसले लिखे हैं। आखिरी दिन भी उन्होंने 45 केस की सुनवाई की। सीजेआई चंद्रचूड़ के 2 साल के कार्यकाल के बड़े फैसलों में आर्टिकल 370, राम जन्मभूमि मंदिर, वन रैंक-वन पेंशन, मदरसा केस, सबरीमाला मंदिर विवाद, चुनावी बॉन्ड की वैधता और सीएए-एनआरसी जैसे फैसले शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट सबसे ज्यादा हाईटेक हुआ
सीजेआई चंद्रचूड़ के कार्यकाल में कोर्ट और ज्यादा हाईटेक हुआ। इनमें ई-फाइलिंग में सुधार, पेपरलेस सबमिशन, पेंडिंग केसेस के लिए व्हाट्सएप अपडेट, डिजिटल स्क्रीन, वाई-फाई कनेक्टिविटी, एडवांस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, पेंडिंग केस की लाइव ट्रैकिंग, सभी कोर्टरूम से लाइवस्ट्रीमिंग शामिल रही।
लोगो और न्याय की देवी का रूप बदला
सुप्रीम कोर्ट की लाइब्रेरी में ‘लेडी ऑफ जस्टिस’ को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने ऑर्डर देकर बनवाया। इसका उद्देश्य यह संदेश देना है कि देश में कानून अंधा नहीं है और यह सजा का प्रतीक नहीं है। इसके अलावा 1 सितंबर को नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियरी के वैलेडिक्ट्री इवेंट में सुप्रीम कोर्ट का फ्लैग और चिह्न भी जारी किया गया।
छुट्टियों का कैलेंडर बदला
सुप्रीम कोर्ट में ग्रीष्म अवकाश की जगह आंशिक न्यायालय कार्य दिवस शब्द का प्रयोग होगा। नए कैलेंडर के अनुसार इस साल यह अवधि 26 मई 2025 से 14 जुलाई 2025 तक रहेगी। नए नियमों के तहत अवकाश जज को जज कहा जाएगा। रविवार को छोडक़र 95 दिनों से ज्यादा छुट्?टी नहीं होगी। पहले यह संख्या 103 थी।
जजों के बैठने की कुर्सियां बदलीं
ब्रिटेन में एक इवेंट के दौरान एक शख्स ने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट में जजों की बेंच की कुर्सियां एक जैसी क्यों नहीं हैं। यानी उनकी बैक रेस्ट की ऊंचाई अलग-अलग क्यों है? सीजेआई जब भारत लौटे तो उन्होंने सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट का मेंटेनेंस देखने वाले रजिस्ट्री अधिकारी को इस बारे में बताया और बदलाव के निर्देश दिए।

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