10 राज्यों में 81576 स्कूलों में मात्र एक शिक्षकNew Delhi । केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2023-24 की यूडीआईएसई की रिपोर्ट जारी की है।इस रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश राज्यों में ऐसे स्कूलों की संख्या घटी है। जिसमें एक भी छात्र पढ़ने के लिए नहीं आता है।रिपोर्ट के अनुसार बंगाल और राजस्थान में ऐसे स्कूल हैं।जहां पर छात्र नहीं है। लेकिन शिक्षकों की संख्या में वृद्धि हुई है।
बंगाल में 1241 ऐसे स्कूल है। जहां कोई भी छात्र पढ़ने के लिए नहीं आता है। इन स्कूलों में 7472 शिक्षक बढ़ गए हैं। इसी तरह राजस्थान में बिना छात्रों वाले स्कूलों की संख्या मैं 573 की वृद्धि हुई है।565 शिक्षक भी ऐसे स्कूलों में बढ़ गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 की तुलना में वर्ष 2023-24 की तुलना में सुधार हुआ है। 2022-23 में 118190 स्कूलों की तुलना में वर्ष 2023-24 में यह संख्या घटकर 110971 रह गई है। इसी तरह से एक शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या में मध्य प्रदेश को नंबर 1 का राज्य बताया गया है। मध्य प्रदेश में 17110 स्कूल ऐसे थे। जहां पर एक ही शिक्षक तैनात था। अब मध्य प्रदेश में यह संख्या घटकर 13198 रह गई है।
वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार जिन स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक हैं। उनकी संख्या राज्यवार मध्य प्रदेश में 13198, आंध्र प्रदेश में 12611, उत्तर प्रदेश में 8866, झारखंड में 8353, महाराष्ट्र में 8196,कर्नाटक में 7821, राजस्थान में 7688, पश्चिम बंगाल में 6366,छत्तीसगढ़ में 5840, बिहार में 2637 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे ही चल रहे हैं।
सरकारी स्कूलों में जिस तरह से शिक्षकों की कमी बनी हुई है। उसके कारण सरकारी स्कूलों से पालकों का मोह भंग हो रहा है। सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या निरंतर घट रही है। ड्रॉप आउट करने वाले छात्रों की संख्या भी विभिन्न राज्यों में बढ़ रही है। यह चिंता का विषय है।विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा नए स्कूल खोलने के स्थान पर जिन स्कूलों की छात्र संख्या कम थी उन स्कूलों का आपस में विलय कर दिया गया है। रिपोर्ट में इस बात की जानकारी नहीं दी गई है।कितनी स्कूलों का कितने राज्यों में विलय किया गया है।