15 लाख सालाना कमाई पर मिल सकती है टैक्स में छूट
New Delhi । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आगामी बजट पेश करेंगी। इस बीच, चर्चा है कि केंद्र सरकार इस बजट में आम लोगों के लिए बड़ी छूट का ऐलान कर सकता है। केंद्रीय बजट 2025 में 15 लाख रुपये तक सालाना इनकम वालों को टैक्स छूट का लाभ मिल सकता है। टैक्स में छूट के ऐलान से डिस्पोजेबल इनकम में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जिससे खपत बढ़ेगी।
जानकारी के अनुसार सरकार वित्त वर्ष 2020-21 में शुरू की गई नई आयकर व्यवस्था में बदलाव पर विचार कर रही है, जिसने सरल स्ट्रक्चर के कारण 70 फीसदी से ज्यादा टैक्सपेयर्स को अपनी तरफ आकर्षित किया है। मौजूदा समय में नई व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री है, जबकि 3 लाख से 6 लाख रुपये के बीच की आय पर 5 प्रतिशत, 6-9 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 9-12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत, 12-15 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है। 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन यह तय करती है कि 7.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री है। वहीं 7 लाख तक सालाना इनकम होने पर कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी।
टैक्स स्लैब में क्या हो सकता है बदलाव
जानकार बताते हैं कि मूल छूट सीमा 3 लाख रुपये से बढक़र 4 लाख रुपये हो सकती है। साथ ही अन्य स्लैब में भी समायोजन किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, 5 प्रतिशत स्लैब में 4 लाख रुपये से 7 लाख रुपये तक की इनकम शामिल हो सकती है, जिससे 14 लाख रुपये तक की इनकम वालों के लिए यह टैक्स व्यवस्था अधिक फायदेमंद हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार, सरकार का फोकस 13-14 लाख रुपये सालाना कमाने वाले व्यक्तियों पर बोझ को कम करने पर है। खासकर शहरी क्षेत्रों में जहां महंगाई ने खरीदारी की को कम किया है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य शहरी टैक्?सपेयर्स को राहत देना है।
ये टैक्सपेयर्स बढ़ती महंगाई का सामना करते हैं और देश की इकोनॉमी में बड़ा योगदान देते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स स्लैब में 1 लाख रुपये की सीमा बढ़ाकर संशोधन करने से टैक्स का बोझ काफी हद तक कम हो सकता है, जिससे अधिक खर्च को बढ़ावा मिलेगा।
टैक्स रेवेन्यू में लगातार हो रहा इजाफा
अप्रैल-नवंबर वित्त वर्ष 2025 के दौरान व्यक्तिगत टैक्स कलेक्शन 25 प्रतिशत बढक़र 7.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जिससे सरकार इन सुधारों को लागू करने के लिए मजबूत स्थिति में है। कॉर्पोरेट टैक्स के विपरीत, व्यक्तिगत टैक्स लगातार लक्ष्य से ज्यादा रही हैं, जिससे सरकार का खजाना भरा है। इसलिए टैक्स कलेक्शन भी टैक्स छूट के लिए संकेत दे रहा है।