New Delhi । अगर आप किसी महिला के शरीर को देखकर ‘फाइन’ कहते हैं, तब आप जेल जा सकते है। जी हां, केरल हाईकोर्ट ने कहा कि किसी महिला के शरीर की बनावट पर ‘फाइन’ कहकर टिप्पणी करते हैं, तब पहली नजर में यौन उत्पीड़न माना जाएगा। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने एक याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को भी रद्द करने से मना कर दिया।
केरल हाईकोर्ट के जस्टिस ए. बदरुद्दीन ने याचिकाकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा और केरल पुलिस अधिनियम, 2011 (अधिनियम) की धारा 120 सहित अपराधों के लिए शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से मना कर दिया। वहीं धारा 509 में महिला की लज्जा का अपमान करने के इरादे से किए गए कृत्यों का जिक्र है।
रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने बताया कि जब वे केरल राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड के इलेक्ट्रिकल सेक्शन में काम कर रही थी, तब आरोपी ने उसकी बॉडी को देखकर फाइन कहा था। उसकी यह टिप्पणी यौन कुंठा से भरी थी। आरोपी की इस टिप्पणी ने उन्हें परेशान किया था। महिला ने आरोप लगाया गया कि आरोपी ने उसके मोबाइल नंबर पर यौन इशारों वाले मैसेज भेजे थे।
हालांकि, आरोपी ने इसका विरोध किया। आरोपी का तर्क था कि किसी व्यक्ति के शरीर की संरचना की तारीफ करना यौन उत्पीड़न वाली टिप्पणी नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने पहले इन अपराधों पर विस्तार से चर्चा की। फिर धारा 509 का जिक्र कर अदालत ने अपने पिछले फैसले का हवाला दिया। इस मामले में अदालत ने धारा 509 के तहत आने वाले अपराधों पर चर्चा की थी। अदालत ने बताया कि किसी भी महिला पर यौन रंगीन टिप्पणी करने वाला पुरुष यौन उत्पीड़न के अपराध का दोषी है।
इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता की दलील को खारिज करते हुए कहा, ‘मामले के तथ्यों को देखने के बाद यह स्पष्ट है कि अभियोजन पक्ष का मामला पहली नज़र में कथित अपराधों को आकर्षित करने के लिए बनाया गया है।