राज्यसभा में धनखड़ और खडग़े में जोरदार बहस
New Delhi । संसद के शीतकालीन सत्र के 14वें दिन शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान जोरदार बहस हुई। शनिवार को ही प्रधानमंत्री मोदी इस पर जवाब देंगे। वहीं राज्यसभा में सभापति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने का मुद्दा उठा, जिस पर हंगामा हो गया। भाजपा सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने आरोप लगाया कि विपक्ष द्वारा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव में नियमों का पालन नहीं किया गया।
महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए 14 दिन का समय दिया जाता है और फिर उस पर सदन में चर्चा होती है, लेकिन उससे पहले ही मीडिया में आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा उपराष्ट्रपति को कभी सम्मान नहीं दिया गया। राधा मोहन दास अग्रवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर उपराष्ट्रपति के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। भाजपा सांसद ने उपराष्ट्रपति की तारीफ की। इस पर विपक्ष भडक़ गया।
मैं किसान का बेटा, झुकुंगा नहीं: धनखड़
विपक्ष ने जब हंगामा शुरू किया तो सभापति ने इस पर नाराजगी जाहिर की। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने जब अपनी बात रखी तो सभापति नाराज हो गए और बोले कि मैं किसान का बेटा हूं और किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं पड़ूंगा। गौरतलब है कि राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
विपक्षी दलों ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए अनुच्छेद 67बी के तहत नोटिस दिया। ये नोटिस राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को सौंपा गया। देश में 72 साल के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में राज्यसभा सभापति के खिलाफ कभी महाभियोग नहीं आया था।
मैं भी मजदूर का बेटा: खडग़े
इस पर राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि सदन परंपरा और नियमों से चलेगा और निष्पक्षता से चलेगा। खडग़े ने कहा कि आप अगर किसान हैं तो मैं मजदूर का बेटा हूं। खरगे ने कहा कि आप विपक्ष का अपमान कर रहे हैं। हम आपकी तारीफ सुनने के लिए नहीं आए हैं। हम देश के मुद्दों पर चर्चा के लिए आए हैं। इस पर सभापति ने कहा कि पूरा देश जानता है कि आपको किनकी तारीफ पसंद है। आप अपनी बात रखिए। खडग़े ने कहा कि आप मेरा अपमान कर रहे हैं तो मैं आपका सम्मान कैसे कर सकता हूं। जब हंगामा शांत नहीं हो सका, तो सभापति धनखड़ ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
आज के राजा आलोचनाओं से डरते हैं: प्रियंका गांधी
प्रियंका ने कहा कि विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया जाता है। उन्हें सताया जाता है। देशद्रोही कह-कहके यूपी में मुझे याद है कि कुछ अध्यापिकाओं पर मुकदमा डाल दिया। पूरे देश का माहौल भय से भर दिया है। इनकी मीडिया की मशीन झूठ फैलाती है।
शायद वो भी भय में है। मैं याद दिलाना चाहती हूं कि ऐसा डर का माहौल देश में अंग्रेजों के राज में था। जब इस तरफ बैठे हुए गांधी के विचारधारा के लोग आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, तब उस विचारधारा के लोग अंग्रेजों के साथ सांठ-गांठ कर रहे थे। लेकिन भय का भी अपना स्वभाव होता है। भय फैलाने वाले खुद भय का शिकार बन जाते हैं। आज इनकी भी यही हालत हो गई है। भय फैलाने के इतने आदी हो गए हैं कि चर्चा से डरते हैं। आलोचनाओं से डरते हैं। उन्होंने कहा कि राजा भेष बदलकर आलोचना सुनने जाता था। लेकिन आज का राजा भेष तो बदलते हैं।
शौक तो है उनको भेष बदलने का, लेकिन न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की। मैं तो सदन में नई हूं। सिर्फ 15 दिन से आ रही हूं। लेकिन मुझे ताज्जुब होता है कि इतने बड़े-बड़े मुद्दे हैं, प्रधानमंत्री जी सिर्फ एक दिन के लिए 10 मिनट दिखे हैं। बात ये है कि ये देश भय से नहीं, साहस और संघर्ष से बना है।
ये संविधान हमारी ढाल है: अखिलेश यादव
लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान सपा सांसद अखिलेश यादव ने संसद अटैक में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि भारत राज्यों का एक संघ है और हमें विविधता में एकता पर गर्व है।
ये हमारा संविधान ही है जिसने भाषाई, धार्मिक और जातीय विविधता वाले देश को एक रखा है। आंबेडकरजी ने कहा था कि संविधान की सफलता निर्भर करेगी कि हम उसके अनुसार कैसा काम करते हैं। इस महान देश का शासन संविधान में निहित उस सिद्धांतों के अनुसार चलाया जाए। ये वही संविधान है जो समय समय पर हमारा रक्षा कवच बनता है। अखिलेश ने कहा कि ये संविधान हमारी ढाल है। संविधान हमारी सुरक्षा है। संविधान हमें शक्ति देता है।
संविधान देश की 90 प्रतिशत शोषित और पीडि़त जनता का संरक्षक है। ये हमारा बड़ा मददगार है। हमारे जैसे लोग और देश के कमजोर लोगों के लिए, खासकर पीडीए के लिए संविधान की सुरक्षा जन्म और मरण का विषय है। संविधान ही लोकतंत्र की प्राणवायु है।इस संविधान पर 75 साल बाद संसद में फिर चर्चा हो रही है। हमारे संविधान की प्रस्तावना, संविधान का निचोड़ है।
एक नेता संविधान की प्रति जेब में रखते हैं: राजनाथ
लोकसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। उन्होंने कहा कि 75 साल पहले संविधान सभा ने संविधान निर्माण का काम पूरा किया था।
संविधान सभा ने जो संविधान तैयार किया था, वह केवल कानूनी दस्तावेज नहीं था बल्कि वह जनआकांक्षाओं का प्रतिबिंब था। राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान से देश में सही मायने में लोकतंत्र लागू हुआ। हमारा संविधान सार्वभौम है, जहां यह राज्य की जिम्मेदारियों को सूचीबद्ध करता है तो वहीं नागरिकों के अधिकारों का भी उल्लेख करता है। हमारा संविधान सहकारी सघंवाद को सुनिश्चित करता है तो राष्ट्र की एकता को भी सुनिश्चित करता है। भारत का संविधान देश के गौरव को स्थापित करने का रोडमैप भी है।