New Delhi । चीन में फैला ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) वायरस अब धीरे-धीरे भारत में भी पैर पसारने लगा है। भारत में अब तक इस वायरस के पांच केस सामने आ चुके हैं। बेंगलुरु गुजरात के बाद अब तमिलनाडु में भी दो मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक चेन्नई का है और दूसरा सलेम का।
सरकार ने बताया कि दोनों की स्थिति स्थिर है और दोनों पर निगरानी रखी जा रही है। इससे पहले दो मामले कर्नाटक में भी सामने आए थे। अहमदाबाद के बच्चे में सर्दी और बुखार के लक्षण हैं। निजी अस्पताल की एक लैब के अनुसार, बच्चे की एचएमवीपी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चा मोडासा के नजदीक एक गांव का रहने वाला है। हालांकि उसकी तबीयत सामान्य बताई जा रही है।गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने वायरस की गंभीरता को देखते हुए लोगों को सलाह दी है कि यदि आप खांसते या छींकते हैं तो अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढके रहें। बीमार हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें और सांस संबंधी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टरों को दिखाएं।
इससे पहले कर्नाटक में एचएमपीवी के दो मामलों का पता चला था। हालांकि उनका कोई यात्रा का इतिहास नहीं था। बेंगलुरु में 3 महीने की बच्ची और 8 महीने के लड़के में नियमित निगरानी के जरिए एचएमपीवी संक्रमण का पता चला था।
बच्चों को बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराने के बाद संक्रमण की पहचान की गई। दोनों बच्चों को ब्रोंकोनिमोनिया नामक निमोनिया का इतिहास था, जो फेफड़ों में संक्रमण का एक प्रकार है। ब्रोंकोनिमोनिया फेफड़ों और ब्रांकाई दोनों में एल्वियोली को प्रभावित करता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया, दोनों मामलों की पहचान कई श्वसन वायरल रोगजनकों के लिए नियमित निगरानी के माध्यम से की गई थी, जो देश भर में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए आईसीएमआर के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि लड़का अब स्वस्थ है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य और एफई विभाग को दिल्ली में पूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के अनुसार सभी अस्पतालों को श्वसन संबंधी बीमारी में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को राजधानी में तैयारियों के बारे में समय पर अपडेट हासिल करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संपर्क में रहना चाहिए।