भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3 से 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेग
.महंगाई में आएगी गिरावट
-बजट से पहले बाजार में रौनक..सेंसेक्स 740 अंक की तेजी के साथ 77,500 पर बंद, निफ्टी भी 258 अंक चढ़ा
New Delhi । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, विकास के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए, वित्त वर्ष 2026 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रोथ 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में अर्थव्यवस्था 8.4 फीसदी की तूफानी रफ्तार से बढ़ी थी। वहीं शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया जाएगा।
इस बार के बजट से सैलरीड क्लास से लेकर आम आदमी तक को काफी उम्मीद है. महंगाई से राहत देने और जीडीपी ग्रोथ के लिए सरकार की तरफ से कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है. अब यह देखने वाली बात होगी की 1 फरवरी को वित्त मंत्री की तरफ से क्या-क्या बड़े ऐलान किए जाते हैं?
बजट से एक दिन पहले शुक्रवार को सेंसेक्स 740 अंक की तेजी के साथ 77,500 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 258 अंक की तेजी रही, ये 23,508 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई स्मॉलकैप 899 अंक की तेजी के साथ 49,958 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 25 में तेजी और 6 में गिरावट रही। निफ्टी के 50 शेयरों से 44 में तेजी और 7 में गिरावट रही। एनएसई सेक्टोरल इंडेक्स में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर में सबसे ज्यादा 2.44 प्रतिशत की तेजी रही। वहीं संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2024-25 के अनुसार वृद्धि दर में गति को बरकरार रखने के लिए भारत में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को अगले दो दशकों में लगातार बढ़ाने की जरूरत है।
नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में आम चुनावों के दौरान नई स्वीकृतियों और व्यय पर बाधाओं व कई क्षेत्रों में भारी मानसून के कारण बुनियादी ढांचे पर खर्च की गति प्रभावित हुई। हालांकि, पिछले वर्ष जुलाई और नवंबर के बीच पूंजीगत व्यय की गति बढ़ गई। सदन में पेश दस्तावेज में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्र का पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 20 के पूंजीगत व्यय का लगभग 3.3 गुना निर्धारित किया गया है।
बुनियादी ढांचे पर अधिक ध्यान देने की जरूरत
सर्वेक्षण के अनुसार आपदा-रोधी शहरीकरण, सार्वजनिक परिवहन, विरासत स्थलों, स्मारकों और पर्यटन स्थलों का संरक्षण और रखरखाव की रूरत है। रिपोर्ट में कनेक्टिविटी सहित ग्रामीण सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर अधिक ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया गया है। सर्वेक्षण में कहा गया है, हमारी शुद्ध शून्य प्रतिबद्धताओं के कारण नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता सृजन पर अतिरिक्त जोर दिया जा रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार सरकार के विभिन्न स्तरों पर बजट संबंधी बाध्यताएं हैं। कार्यक्रम और परियोजना नियोजन, वित्तपोषण, निर्माण, रखरखाव, मुद्रीकरण और प्रभाव आकलन जैसे कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी भागीदारी में तेजी लाने की जरूरत है।
रोजगार पर दिया गया खास जोर
आर्थिक सर्वे में सरकार ने रोजगार पर खास फोकस किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे में बताया कि 2030 तक गैर-कृषि क्षेत्र में सालाना औसतन 78.5 लाख नौकरियों के अवसर के पैदा होंगे। घरेलू अर्थव्यवस्था का फोकस खासतौर पर सर्विस सेक्टर पर रहता है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने की कोशिश होगी।
89 लाख लोगों को मिला पीएम आवास
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 89 लाख से अधिक घर बन चुके हैं। रियल एस्टेट में पारदर्शिता लाने और घर खरीदारों के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार ने रेरा 2016 बनाया है। इसने लाखों लोगों की शिकायतों का निपटारा किया, जिससे आम लोगों का भरोसा बढ़ा है।
महंगाई सरकार के लिए बनी बड़ी चुनौती
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे में माना कि महंगाई सरकार और आरबीआई के लिए महंगाई बड़ी चुनौती बनी हुई है। आरबीआई ने महंगाई को रोकने के लिए ही लंबे समय से ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। इसे भी अर्थव्यवस्था सुस्त की एक अहम वजह बताया जा रहा था।
कृषि क्षेत्र की ग्रोथ रेट 3.5 फीसदी रही
कृषि क्षेत्र की ग्रोथ रेट में सुधार देखने को मिल रहा है। इसकी वजह अनुकूल मौसम और नई तकनीक के साथ सरकारी कोशिश रही। किसानों को पीएम-किसान, डिजिटल एग्रीकल्चर और सिंचाई सुधार जैसी सरकारी योजना से किसानों को फायदा मिला। ड्रोन, सटीक कृषि और बेहतर क्वालिटी के बीज की वजह से पैदावार भी बढ़ी।
सर्विस सेक्टर में आया ज्यादा पैसा
आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल से सितंबर तक 29.8 अरब डॉलर स्नष्ठढ्ढ आया था। इसमें सबसे अधिक 5.7 अरब डॉलर का स्नष्ठढ्ढ सर्विस सेक्टर में आया। इससे जाहिर होता है कि विदेशी निवेशकों को सर्विस सेक्टर में ज्यादा संभावनाएं नजर आ रही हैं और वे इसमें ज्यादा पैसे लगा रहे हैं।
इनोवेशन को बढ़ावा देने पर फोकस
आर्थिक सर्वे में इनोवेशन को बढ़ावा देने पर फोकस करने की भी कही है। इसमें जोर दिया गया है कि इसके लिए सरकार को ही पहल करनी होगी। इसके लिए नीतिगत उलझनें कम करनी होगी। साथ ही, व्यवसायों को अपने कोर मिशन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इससे इनोवेशन और कंपटीशन की भावना बढ़ सकती है।
हाईवे और जल जीवन मिशन पर जोर
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान में 5,853 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए गए हैं। साथ ही, जल जीवन मिशन के तहत 12 करोड़ से ज्यादा परिवारों को पाइप से पीने का पानी मिल चुका है।
वंदे भारत ट्रेन, रेल नेटवर्क विस्तार पर फोकस
आर्थिक सर्वे में रेलवे सेक्टर पर भी खास फोकस किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अप्रैल और नवंबर 2024 के बीच 2031 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क चालू किया गया। वहीं, अप्रैल और अक्टूबर 2024 के बीच वंदे भारत ट्रेनों के 17 नए पेयर शुरू किए गए।
38 फीसदी की दर से बढ़ा सरकारी खर्च
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने पर काफी जोर दे रही है। वित्त वर्ष 2020 से लेकर 2024 तक सरकारी खर्च 38.8 फीसदी की दर से बढ़ा है। हालांकि, लोकसभा चुनाव के चलते वित्त वर्ष 2025 में खर्च में कुछ कमी आई। यह चुनाव के बाद जुलाई से नवंबर 2024 के बीच बढ़ा है, जिससे इन्फ्रास्ट्रक्चर को सपोर्ट मिला है।