खाने और ठहराने की व्यवस्था की
प्रयागराज। मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आए श्रद्धालुओं की भीड़ से मेला क्षेत्र के साथ ही पूरा प्रयागराज शहर भी पटा हुआ था। शहर की सड़कों के साथ ही गलियों में भी पैर रखने तक की जगह नहीं बची थी। भीड़ नियत्रिंत करने के लिए रास्ते रोके जाने से लोगों को दिक्कत हो रही थी। इसके बाद शहर के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इन श्रद्धालुओं के लिए अपनी इबादतगाहों के दरवाजे खोल दिए।
मस्जिदों और दरगाहों से लेकर तमाम मदरसों में भी श्रद्धालुओं को ठहराया गया।
यहां उनके लिए खाने-पीने के साथ ही ठहरने और बिस्तर के भी इंतजाम है। रास्तों और सीढ़ियों से लेकर अंदर की उन जगहों पर भी श्रद्धालुओं को ठहराया गया, जहां रोजाना पांच वक्त की नमाज अदा होती है।
शहर की सबसे बड़ी मस्जिद चौक इलाके की जामा मस्जिद, खुल्दाबाद इलाके की शाही मस्जिद, डफरिन अस्पताल के सामने की मस्जिद, रोशन बाग इलाके की मस्जिद के साथ ही तीन दर्जन से ज्यादा मस्जिदों- मदरसों और दरगाहों को तीन से चार दिनों तक श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था।
इतना ही नहीं प्रयागराज में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कई जगहों पर महाकुंभ के लिए आए श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत व अभिनंदन किया। कई जगहों पर लंगर और भंडारे का आयोजन किया। कुछ जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने श्रद्धालुओं को अंग वस्त्रम भेंट कर उनका अभिनंदन किया।
श्रद्धालुओं को इबादतगाहों में रोकने के तमाम वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। लोग इन वीडियो को देखकर प्रयागराज की गंगा जमुनी तहजीब की जमकर तारीफ कर रहे हैं। प्रयागराज के मदरसों और मस्जिदों से जुड़े लोगों का कहना है कि श्रद्धालु इन इबादत ग़ाहों में रुक कर काफी भावुक हो गए थे।