Tuesday, April 15, 2025
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Munbai : ब्लैक मंडे की भविष्यवाणी के बाद बिखरा भारतीय शेयर बाजार..

सेंसेक्स 2226 अंक गिरकर 73,137 पर बंद…निफ्टी 742 अंक गिरा, मेटल सेक्टर सबसे ज्यादा 6.75 प्रतिशत टूटा; एशियाई बाजार 10 प्रतिशत तक गिरे
निवेशकों के 15 लाख करोड़ डूबे
-कमजोर पड़े भारतीय बाजार का ट्रंप के टैरिफ ने और बुरा हाल किया
-एशिया के दूसरे बाजारों का हाल और खराब, यूरोप भी बिकवाली के दबाव में

Mumbai । वैश्विक व्यापार युद्ध की चिंता और अमेरिका में मंदी की बढ़ती आशंकाओं के बीच सोमवार को पूरी दुनिया के शेयर बाजार में भारी बिकवाली दिखी। भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा और सेंसेक्स व निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांक धड़ाम हो गए।

 

शेयर बाजार में सोमवार को साल की दूसरी बड़ी गिरावट आई। सेंसेक्स 2226 अंक गिरकर 73,137 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 742 अंक की गिरावट रही, ये 22,161 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान क्षेत्रवार सूचकांकों में बड़ी गिरावट दिखी और निवेशकों को करीब 15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। इससे पहले 4 जून 2024 को बाजार 5.74 प्रतिशत गिरा था।

 

जिसका डर था वहीं हुआ… जी हां एशियाई शेयर बाजारों में तगड़ी गिरावट का असर सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा और खुलने के साथ ही दोनों इंडेक्स सेंसेक्स-निफ्टी बिखर गए। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 29 में गिरावट रही।

 

टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और लार्सन एंड टुब्रो के शेयर में 7 प्रतिशत तक गिरावट रही। जोमैटो का शेयर 0.17 प्रतिशत ऊपर बंद हुआ। हृस्श्व के सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी मेटल सबसे ज्यादा 6.75 प्रतिशत गिरा। रियल्टी में 5.69 प्रतिशत गिरावट रही। ऑटो, फार्मा, सरकारी बैंक, ऑयल एंड गैस और आईटी सेक्टर 4 प्रतिशत नीचे बंद हुए।

बाजार में गिरावट की वजह

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह ट्रेप का टैरिफ रहा। अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। भारत के अलावा चीन पर 34 प्रतिशत, यूरोपीय यूनियन पर 20 प्रतिशत, साउथ कोरिया पर 25 प्रतिशत, जापान पर 24 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 प्रतिशत और ताइवान पर 32 प्रतिशत टैरिफ लगेगा।

चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर 34 प्रतिशत जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। नया टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा। 3 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाया था।

इसमें चीन पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया था। अब चीन ने उतना ही टैरिफ अमेरिका पर लगा दिया है। टैरिफ से सामान महंगा होने पर लोग कम खरीदारी करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। साथ ही, मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमतें भी गिरी हैं।

ये कमजोर इकोनॉमिक एक्टिविटी का संकेत है। इससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया है।
सेंसेक्स के सभी शेयर कमजोर पड़े
हिंदुस्तान यूनिलीवर को छोडक़र सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान पर बंद हुए। टाटा स्टील में सबसे ज्यादा 7.33 फीसदी की गिरावट आई, जबकि लार्सन एंड टूब्रो में 5.78 फीसदी की गिरावट आई।

टाटा मोटर्स, कोटक महिन्द्रा बैंक, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, इंफोसिस, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एचडीएफसी बैंक अन्य बड़े पिछड़े हुए शेयर रहे। हिंदुस्तान यूनिलीवर मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ।

बीएसई के 3,515 शेयर कमजोर हुए
बीएसई पर 3,515 शेयरों में गिरावट आई, 570 में तेजी आई और 140 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। उल्लेखनीय है कि बीएसई पर 775 शेयर अपने 52-सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए।

जबकि 59 कंपनियां 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। जानकारों का कहना है कि कच्चे तेल और कई धातुओं की कीमतों में पहले से ही गिरावट देखी जा रही है, जो इस बात का संकेत है कि यदि मौजूदा रुझान जारी रहा तो मांग में कमी आएगी।

विदेशी बाजार भी धड़ाम
एशियाई बाजारों में, हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक 13 प्रतिशत से अधिक गिर गया, टोक्यो का निक्केई 225 लगभग 8 प्रतिशत गिर गया, शंघाई एसएसई कम्पोजिट सूचकांक 7 प्रतिशत से अधिक गिर गया और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5 प्रतिशत से अधिक गिर गया।

यूरोपीय बाजार भी भारी बिकवाली दबाव में आ गए और 6 प्रतिशत तक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। एसएंडपी 500 में 5.97 प्रतिशत, नैस्डैक कंपोजिट में 5.82 प्रतिशत और डॉव में 5.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

4 जून के बाद बाजार में सबसे बड़ी गिरावट
पिछले साल 4 जून को सेंसेक्स 4,389.73 अंक या 5.74 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 72,079.05 पर बंद हुआ था। दिन के कारोबार में यह 6,234.35 अंक या 8.15 प्रतिशत गिरकर 70,234.43 पर आ गया था।

निफ्टी 4 जून 2024 को 1,379.40 अंक या 5.93 प्रतिशत की तीव्र गिरावट के साथ 21,884.50 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे में यह 1,982.45 अंक या 8.52 प्रतिशत गिरकर 21,281.45 पर आ गया। इससे पहले सेंसेक्स और निफ्टी में 23 मार्च 2020 को 13 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी, जब कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन लगाया गया था।

जीडीपी पर भी असर पडऩे का खतरा
कई ब्रोकरेज फर्मों को टैरिफ के कारण भारत के वित्त वर्ष 2026 के जीडीपी आंकड़ों पर असर पडऩे का जोखिम दिख रहा है। हालांकि, सरकार से जुड़े सूत्रों ने सोमवार को दावा किया है ।

भारत के लिए चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमानित वृद्धि पर कोई असर नहीं दिखेगा। इस बीच, एसएमसी ग्लोबल में खुदरा इक्विटी के अनुसंधान के सहायक उपाध्यक्ष सौरभ जैन के अनुसार मार्च तिमाही में कंपनियों की कॉर्पोरेट आय के नरम रहने की संभावना है।

इसे देखते हुए निफ्टी50 इस गिरावट के दौर में 21,500-21,800 के महत्वपूर्ण समर्थन स्तर तक पहुंचकर कारोबार करता दिख सकता है।

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