New Delhi: केएलएच डिम्ड टू बी यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने अपने अज़ीज़ नगर कैंपस में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम रिफ़्लेक्टोमेट्री (जीएनएसएस-आर)” विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जीएनएसएस रिफ़्लेक्टोमेट्री जैसी उन्नत सैटेलाइट तकनीक की बारीकियों से छात्रों, शोधकर्ताओं और प्रोफेशनल्स को अवगत कराना था।
यह कार्यशाला आईईईई जियोसाइंस एंड रिमोट सेंसिंग सोसाइटी (जीआरएसएस), आईईईई इंस्ट्रूमेंटेशन फ्यूचर टेक्नोलोगीएस (आईएफटी) प्रोफेशनल एक्टिविटीज और केएलएच के आईईईई स्टूडेंट ब्राच के संयुक्त सहयोग से आयोजित की गई।कार्यशाला में जीएनएसएस-आर तकनीक के सिद्धांत, अनुप्रयोग और अनुसंधान पर केंद्रित सत्र आयोजित किए गए।
यह तकनीक जलवायु परिवर्तन, कृषि, मिट्टी में नमी की निगरानी, जलविज्ञान और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विभिन पहलुओं पर चर्चा की गई।इस वैश्विक मंच पर कई देशों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल हुए। इनमें अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से डॉ. जेम्स एल. गैरीसन, नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी और गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर से डॉ. रश्मि शाह और डॉ. रजत बिंदलिश, ब्राज़ील की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ रियो ग्रांडे डो सुल से डॉ. फेलिपे जी. निएविंस्की, नासा ईएसटीडी से डॉ. सचिदानंद बाबू, आईआईटी बॉम्बे से प्रो. अविक भट्टाचार्य और इसरो के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (एसएसी) से डॉ. धर्मेंद्र पांडेय शामिल थे।
इन सभी विशेषज्ञों ने जीएनएसएस-आर तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार साझा किए और प्रतिभागियों को अत्याधुनिक अनुसंधान व व्यावहारिक ज्ञान से लाभान्वित किया। कार्यक्रम को केएल डिम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के वाइस प्रेसिडेंट, इंजी. कोनेरू लक्ष्मण हविश का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा, “यह कार्यशाला विश्वस्तरीय विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर तकनीकी ज्ञान, नवाचार और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रही हमारा प्रयास सदैव ही हमारे विद्यार्थियों को वैज्ञानिक सोच और व्यावहारिक अनुसंधान के लिए प्रेरित करते रहना है।