UP । उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ओर से कम बच्चों वाले स्कूलों को मर्ज करने के एलान के बाद से प्रदेश की सियासी हलचल तेज हो गयी थी। लगातार प्रदेश की अलग अलग राजनीतिक पार्टियों की ओर से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच हाईकोर्ट में भी स्कूल मर्जर के खिलाफ याचिकाएं दाखिल की गई थीं। सोमवार को लखनऊ हाईकोर्ट ने प्रदेश के 5 हजार स्कूलों के मर्जर के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को खारिज करते हुए सरकार की ओर से स्कूलों के मर्जर के एलान को बच्चों के हित का बताते हुए सही ठहराया है।
कोर्ट ने कहा- बच्चों के हित में है सरकार का फैसला
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार की ओर से स्कूलों के मर्जर वाले आदेश के खिलाफ दाखिल हुईं याचिकाओं को खारिज करते हुए प्रदेश सरकार के इस फैसले को बच्चों के हित में बताकर सही बताया। कोर्ट का कहना है कि ऐसे ऐसे मामलों में नीतिगत फैसले को जबरन चुनौती नहीं दी जा सकती है जब तक वह पूर्व रूप से असंवैधानिक या दुर्भावनापूर्ण न हो। लिहाजा अब प्रदेश सरकार स्कूलों के मर्जर की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा सकेगी।
दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश किया था सुरक्षित
लखनऊ हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच मेंजस्टिस पंकज भाटिया ने इस मामले पर दाखिल हुईं याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 3 व 4 जुलाई को दोनों पक्षों की विस्तृत दलीलें सुनी थीं। इस सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनुज कुदेसिया के साथ साथ मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह ने कोर्ट में पक्ष रखा था।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था और सोमवार यानी आज इस मसले पर अपना फैसला सुनाने की बात कही थी। जिसके बाद कोर्ट ने सोमवार को इस सरकार के इस ऐलान के खिलाफ दाखिल हुई याचिकाओं को खारिज करते हुए सरकारी फैसले को सही ठहराया।