8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी
New Delhi । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। बजट 2025 से यह बड़ा फैसला लिया गया है। गठन के बाद आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनधारकों के पेंशन में इजाफा होगा। लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या एक करोड़ से अधिक होगी।
सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी देने का फैसला लिया गया। 7वें वेतन आयोग का गठन 2016 में किया गया था और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा। वैष्णव ने आगे कहा कि आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी।
सरकार के इस कदम का इंतजार एक करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को था। ये अपने मूल वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित करने में मदद के लिए आयोग के गठन की आस लगाए थे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा करते हुए कहा कि आयोग का गठन 2026 तक हो जाएगा। उन्होंने आगे दोहराया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें पहले ही लागू की जा चुकी हैं।
सरकार बाद में सदस्यों सहित आयोग के अन्य विवरणों के बारे में जानकारी देगी। सातवें वेतन आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे, भत्तों और पेंशन में महत्वपूर्ण बदलाव किए है।
जिससे वेतन समानता सुनिश्चित हुई और सक्रिय कर्मचारियों और सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों दोनों को लाभ हुआ। इसके बाद अब 8वें केन्द्रीय वेतन आयोग का गठन होने वाला है।
आठवां वेतन आयोग कब से होगा प्रभावी
परंपरागत रूप से, केंद्रीय वेतन आयोग का गठन हर 10 साल में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान, भत्ते और लाभों में बदलाव की समीक्षा और सिफारिश करने के लिए किया जाता है। यह आयोग महंगाई और आर्थिक स्थितियों जैसे कारकों को ध्यान में रखकर फैसला लेता है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से से गठित 28 फरवरी, 2014 को गठित 7वें वेतन आयोग ने 19 नवंबर, 2015 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू की गईं।
इस समयसीमा के आधार पर, 8वें वेतन आयोग के 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी होने की उम्मीद की जा रही है। पिछले आयोगों की तरह, इस वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन में संशोधन होने की संभावना है।
आयोग की सिफारिशों के आधार पर पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में समायोजन किया जाएगा।
नए वेतन आयोग में इतनी होगी न्यूनतम सैलरी!
लागू किए जाने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा देखने को मिल सकता है। रिपोट्र्स की मानें तो इसके तहत फिटमेंट फैक्टर कम से कम 2.86 तय किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो फिर कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में भी इसी हिसाब से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और ये 51,480 रुपये हो सकती है।
गौरतलब है कि फिलहाल मिनिमम बेसिक सैलरी 18000 रुपये है। इसके साथ ही इसी हिसाब से पेंशनर्स को भी लाभ मिलेगा और उनकी मिनिमम पेंशन फिलहाल के 9000 रुपये से बढक़र 25,740 रुपये हो सकती है। गौरतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन को तय करने में इसी फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल होता है।
अगर 7वें वेतन आयोग की कैलकुलेशन पर गौर करें, तो कर्मचारियों को मिलने वाला कुल वेतन उन्हें मिलने तमाम भत्तों के अलावा बेसिक सैलरी और फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय किया जाता है।
7वें वेतन आयोग लागू होने से इतना हुआ था इजाफा
जब 6वें वेतन आयोग की जगह 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा जनवरी 2016 से लागू की गईं थी, तो इसके बाद सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली थी। 7वें वेतन आयोग के तहत, 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मूल वेतन में 2.57 से गुना किया गया।
यह उनके मूल वेतन में 2.57 प्रतिशत की वृद्धि के बराबर था। इसके विपरीत, पिछले वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिससे सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में 1.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई।