Lucknow । समाजवादी पार्टी के मुखिया एवं उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार को इस मामले में और भी कठोर फैसले लेने चाहिए थे और उनका सख्ती से पालन कराने पर भी बात करनी चाहिए थी।
वहीं उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी पार्टी को ऐसी घटना से राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह देश का सवाल है। यहां के लोग मिलकर साथ रहकर दुनिया के बराबर चलना चाहते हैं।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को यहां पत्रकार वार्ता में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की घटना की निंदा करते हुए कहा कि सरकार इस मामले पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में पूछे गए एक सवाल पर यादव ने कहा कि जो फैसले लिए गए हैं।
उससे भी कठोर फैसले लेने चाहिए थे। कठोर फैसले ही नहीं बल्कि उन्हें कठोरता से लागू कैसे किया जाए, इस पर भी बात हो। केवल बयान न दिए जाएं। सर्वदलीय बैठक में हम अपना यह पक्ष और सुझाव रखेंगे।
सपा प्रमुख ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता समाप्त करने के भारत सरकार के फैसले की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सरकार ने जितने कठोर फैसले लिए हैं, उतने ही कठोर तरीके से उनका पालन भी हो क्योंकि अगर पानी को रोकना है तो उसके लिए क्या आपके पास कोई व्यवस्था है?
यह बहुत लंबी प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि हम घटना की निंदा करते हैं। सरकार आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे क्योंकि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। आतंकवादी किसी धर्म के नहीं होते। उनका मुख्य मकसद यही है कि डर पैदा करें और देश तथा प्रदेश के कारोबार को रोकें।
उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव दिल्ली में होने वाली सर्वदलीय बैठक में शामिल होंगे और पार्टी का पक्ष रखने के साथ-साथ सुझाव भी देंगे।
सपा मुखिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, किसी भी पार्टी को ऐसी घटना से राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह देश का सवाल है। यहां के लोग मिलकर साथ रहकर दुनिया के बराबर चलना चाहते हैं।
सर्वदलीय बैठक में यह सुझाव भी हमारी पार्टी की तरफ से होगा कि सोशल मीडिया पर टारगेटेड और एनिमेशन के साथ राजनीतिक पार्टी के नेता समाज में जहर घोल रहे हैं या किसी नेता के बारे में गलत कह सकते हैं, ऐसे में यह भारत सरकार की जिम्मेदारी है कि ऐसी चीजों को रोका जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज करते हुए कहा कि हम लोगों की उम्मीद तो और भी बढ़ी थी जब नोटबंदी का फैसला हुआ था। उससे भी ज्यादा उम्मीद तब बढ़ी थी जब अनुच्छेद 370 हट रहा था, और उससे भी ज्यादा उम्मीद इसलिए बढ़ी कि सारी नियुक्तियां उन्हीं ने (भाजपा) की हैं। हर फैसला मनमर्जी से लिया गया है।