Kanpur ।ममतामयी माँ श्री झुझुनूवाली श्री राणीसती दादी जी के आर्शीवाद से साकेत नगर, में अमृतमय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन डा० संजय कृष्ण सलिल ळ के मुखारबिन्दु से प्रारंभ हुआ।
कार्यक्रम सर्वप्रथम प्रातः 10 बजे से पोथी यात्रा एवं 51 महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गई। इसके उपरान्त श्रीमद् भागवत कथा श्री धाम वृन्दावन से आए डॉ० संजय कृष्ण सलिल जी महाराज ने प्रथम दिवस श्रीमद् भावगत कथा के महत्व की चर्चा करते हुये बताया किस प्रकार नारद जी ने महारानी भक्ति देवी के पुत्र ज्ञान और वैराग्य के सनकादिक ऋषियों के द्वारा भागवद् कथा का श्रवण कराके दोनों पुत्रों को पुण्य किया।
आगे महाराज जी ने बताया कि समकादिक ऋषि नारद जी को बताते हैं कि श्रीमद भागवद् कथा का श्रवण करने से बड़े से बड़ा पापी भी तर जाता है, इस संदर्भ में उन्होंने गोकर्ण और धुँधकारी की कथा सुनाई धुँधकारी महापापी अत्याचारी कुटिल, कामी था. मृत्यु के पश्चात् भयंकर प्रेत बना परंतु जब गोकर्ण जी ने भागवद् कथा का श्रवण कराया तो वह पुनीत पवन और दिव्य पुरुष बनाकर स्वर्ग को चला जाता है।
इस मौके पर शहर के आये हुये समस्त श्रद्धालुओं के बीच प्रथम दिवस का समापन हुआ।उपरोक्त कार्यक्रम में मुख्य श्रोतागण सर्व श्री काशीनाथ तुलस्यान, रोहित तुलस्यान, अविनाश खेमका, आनन्द तुलस्यान, अनिल अग्रवाल, बाल किशन देवड़ा, अतुल अग्रवाल, वीरेन्द्र अग्रवाल इत्यादि