Tuesday, April 15, 2025
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Kanpur : मोतीझील से सेंट्रल तक जल्द चलेगी मेट्रो,रेल संरक्षा आयुक्त ने परिचालन को दी मंजूरी

मेट्रो अब 5 अंडरग्राउंड स्टेशनों पर यात्री सेवा विस्तार के लिए तैयार

Kanpur । कानपुर मेट्रो को कॉरिडोर-1 (आइआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत मोती झील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक यात्री सेवाओं के विस्तार के लिए मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने मंजूरी प्रदान कर दी है। पिछले माह 20 और 21 मार्च को सीएमआरएस ने कानपुर मेट्रो रेल परियोजमेट्रो रेल संरक्षा आयुकत ने मोती झील सेना के उक्त सेक्शन का निरीक्षण किया था।

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जिसके बाद उन्होंने आज यह मंजूरी प्रदान की।
अपने दो दिवसीय विस्तृत निरीक्षण प्रक्रिया के दौरान, मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त श्री जनक कुमार गर्ग ने मेट्रो ट्रैक, टनल, स्टेशनों, रैम्प, वायाडक्ट, टनल वेंटीलेशन सिस्टम, सिग्नलिंग सिस्टम आदि का निरीक्षण किया था। उन्होंने, मोतीझील से कानपुर सेंट्रल के बीच ट्रेन का स्पीड टेस्ट भी किया था।

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अपने निरीक्षण प्रक्रिया के दौरान उन्होंने मुख्य रूप से, मेट्रो परिसरों और ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों और व्यवस्थाओं का मूल्यांकन किया, जिसके आधार पर आज उन्होंने कानपुर मेट्रो को यात्री सेवा के विस्तार के लिए अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया।

इस सफलता पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. की पूरी टीम को बधाई देते हुए प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा, “हमने अब कानपुर मेट्रो परियोजना के कॉरिडोर-1 के अंतर्गत मोती झील से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवाओं के विस्तार हेतु सभी आवश्यक तकनीकी स्वीकृतियाँ और अनुमोदन प्राप्त कर लिए हैं। इसके साथ ही इस सेक्शन पर वाणिज्यिक परिचालन के शुभारंभ का रास्ता साफ हो गया है।

*पहले दिन से ही एटीओ मोड पर चलेगी*
कानपुर मेट्रो मोती झील से कानपुर सेंट्रल के बीच भी पहले दिन से ही ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन (एटीओ) मोड पर चलाई जाएगी। आमतौर पर आरंभ में मेट्रो ट्रेनों को ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) मोड पर चलाया जाता है। पर्याप्त तैयारियों और ट्रायल प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही ट्रेन एटीओ मोड में चलाई जाती है।

कानपुर मेट्रो ने मोती झील से कानपुर सेंट्रल के बीच यात्री सेवाओं के विस्तार से पहले ही ये तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस मोड में संचालन से जुड़ी अधिकतर क्रियाएं ऑटोमैटिक होने की वजह से किसी भी प्रकार की मानवीय भूल से दुर्घटना की संभावना लगभग ना के बराबर हो जाती है।

इस मोड में कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंटोल सिस्टम (सीबीटीसी) सिग्नलिंग प्रणाली का प्रयोग किया जाता है। विदित हो कि आईआईटी से मोती झील के बीच भी कानपुर मेट्रो ट्रेनें एटीओ मोड पर ही चलाई जाती हैं।

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