Wednesday, October 15, 2025
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Kanpur : जिलाधिकारी ने की आईजीआरएस प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा ,असंतुष्ट फीडबैक पर जताई कड़ी नाराजगी

Kanpur : जिलाधिकारी ने की आईजीआरएस प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा ,असंतुष्ट फीडबैक पर जताई कड़ी नाराजगी
एक सितंबर से 8 सितंबर के मध्य नगर निगम के सर्वाधिक असंतुष्ट फीडबैक*
प्रत्येक प्रकरण में मौके पर जाए जांच अधिकारी, शिकायतकर्ता से जरूर करें बात
जनसमस्याओं के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई

Kanpur ।जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने सोमवार को सितंबर माह में आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त प्रकरणों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान असंतुष्ट फीडबैक की अधिक संख्या, बिना मौके पर गए रिपोर्ट लगाने और शिकायतकर्ताओं से संपर्क न करने जैसी लापरवाहियों पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई।डीएम ने कहा कि सभी जनपद स्तरीय अधिकारी एवं कार्यालयाध्यक्ष सुनिश्चित करें कि आईजीआरएस प्रकरणों का निस्तारण शासन की मंशानुरूप गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिपरक हो।

प्रत्येक प्रकरण में भौतिक सत्यापन के बाद ही निर्धारित प्रारूप पर आख्या भेजी जाए। शिकायतकर्ता से वार्ता करना अनिवार्य है और निर्धारित समयसीमा का पालन हर हाल में हो। अन्यथा, शासन को कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।एक सितम्बर से 8 सितम्बर तक नगर आयुक्त कार्यालय, नगर निगम कानपुर के 1086 फीडबैक प्राप्त हुए, जिनमें से 563 असंतुष्ट पाए गए। 491 मामलों में शिकायतकर्ताओं ने बताया कि कोई कार्मिक मौके पर नहीं गया, जबकि 360 मामलों में किसी ने फोन पर भी संपर्क नहीं किया।

इसी अवधि में अधिशासी अभियंता, विद्युत, कानपुर शहर से जुड़े 345 प्रकरणों पर 153 असंतुष्ट फीडबैक मिले। इनमें 115 शिकायतकर्ताओं से संपर्क नहीं किया गया और 174 में मौके का मुआयना नहीं हुआ। अधिशासी अभियंता जलकर के 343 प्रकरणों पर 122 असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त हुए। अधिशासी अभियंता उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) के 108 प्रकरणों में 64 असंतुष्ट पाए गए।

सचिव, कानपुर शहर के 112 प्रकरणों में 92 असंतुष्ट रहे। उपाध्यक्ष केडीए के 71 प्रकरणों में 61 असंतुष्ट और तहसीलदार, राजस्व एवं आपदा विभाग बिल्हौर के 71 में से 48 फीडबैक असंतुष्ट रहे।जिलाधिकारी ने कहा कि जनसमस्याओं के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई तय है।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कार्यालयाध्यक्ष स्वयं आईजीआरएस की आख्या देखें, इसे किसी निचले स्तर के कार्मिक पर न छोड़ा जाए। रिपोर्ट के साथ मौके की जीपीएस युक्त तस्वीर अवश्य संलग्न की जाए। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं से फोन पर संपर्क कर वास्तविक प्रगति से अवगत कराना और उन्हें संतुष्ट करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है।

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