Friday, November 22, 2024
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Jaisalmer : दुश्मन के ठिकानों को तबाह करेंगे रोबोटिक डॉग,

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पहाड़ से लेकर पानी तक में रहेंगे एक्टिव, -40 से +55 डिग्री तापमान में भी करेंगे मुकाबला

Jaisalmer। दुश्मनों से लोहा लेने में भारतीय सेना का साथ अब रोबोटिक डॉग भी देगा। आदेश मिलते ही दुश्मनों पर टूट पड़ेगा। फायरिंग से लेकर दुश्मनों की हरकतों पर नजर रखने में यह हमारे सैनिकों के कंधा से कंधा मिलाकर युद्ध क्षेत्र में सक्रिय रहेगा। मात्र एक घंटे के चार्ज में लगातार 10 घंटे तक काम करने की इसमें क्षमता है। पहाड़, पानी, जंगल… हर इलाके में इसकी मारक क्षमता जोरदार होगी। जैसलमेर के पोकरण फायरिंग रेंज में रोबोटिक डॉग ने भारतीय सेना की बैटल एक्स डिवीजन के साथ अभ्यास किया है। 14 से 21 नवंबर तक चले इस अभ्यास के दौरान सेना के जवान भी इसकी खासियत से रूबरू हुए। भारतीय सेना में हाल ही में रोबोटिक मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट यानि रोबोटिक डॉग शामिल किए गए हैं। माना जा रहा है कि आधुनिक तकनीक से बने इस रिमोट वाले डॉग के साथ ट्रेनिंग से सेना की ताकत में और इजाफा होगा।

भारतीय सेना की बैटल एक्स डिवीजन की इकाइयों ने इस आधुनिक डॉग के साथ दुश्मन को खोजने और उसे खत्म करने के अभ्यास को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इसके अलावा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सहायता और परिवहन में सुधार के लिए लॉजिस्टिक्स ड्रोन का परीक्षण किया जा रहा है। हाल ही में भारतीय सेना ने बॉर्डर से लगे इलाकों में (विशेषकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में) उपयोग के लिए 100 रोबोटिक डॉग को शामिल किया है।

थर्मल कैमरों और रडार से लैस

रोबोटिक डॉग्स थर्मल कैमरों और रडार से लैस हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी डिजाइन है। यह बर्फ, रेगिस्तान, ऊबड़-खाबड़ जमीन, ऊंची सीढिय़ों यहां तक कि पहाड़ी इलाकों में हर बाधा को पार करने में सक्षम बनाता है। रोबोटिक डॉग जवानों को किसी भी नुकसान से बचाते हुए दुश्मन के ठिकानों पर गोलीबारी करने में भी सक्षम है।
10 किमी दूर से कर सकेंगे ऑपरेट

म्यूल डॉग 1 मीटर से 10 किमी की रेंज तक ऑपरेट किया जा सकता है। वाई-फाई या लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन यानी एलटीई पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। छोटी दूरी के लिए, वाई-फाई का उपयोग किया जा सकता है, जबकि 4जी/एलटीई का उपयोग 10 किमी तक की दूरी के लिए किया जा सकता है। इसमें कैमरा लगा होता है जो 360 डिग्री तक घूम सकेगा।
भारतीय सेना की ताकत में इजाफा

रोबोटिक डॉग्स सेंसर्स के माध्यम से काम करते हैं। इनमें एक रिमोट कंट्रोल यूनिट होती है, जिससे इनको मॉनिटर किया जाता है। ये रोबोटिक डॉग्स जरूरी सामान की सेना तक आपूर्ति करेंगे। इन रोबोटिक डॉग्स में हाई रिजॉल्यूशन वाले कैमरे और सेंसर लगे होते हैं, जो छुपे हुए दुश्मन को भी खोज निकालेंगे। रियल टाइम डाटा देंगे। इनके जरिए सेना दुश्मन की हरकतों पर नजर रखेगी। चीन ने पहले ही अपने सैन्य अभियानों में रोबोट डॉग्स को शामिल कर लिया है। अब भारतीय सेना ने भी अपनी ताकत बढ़ाने के लिए ऐसे रोबोटिक डॉग्स को साथ लिया है। जाहिर है इससे भारतीय सेना की ताकत में इजाफा होगा।

50 सैनिकों ने 10 रोबोटिक डॉग्स के साथ किया अभ्यास
सैन्य सूत्रों के अनुसार, सेना का अभ्यास गुरुवार को समाप्त हुआ। भारतीय सेना की बैटल एक्स डिवीजन की एक इकाई के 50 से भी ज्यादा सैनिकों ने इसमें हिस्सा लिया। यह अभ्यास 7 दिन तक किया गया। इसमें करीब 10 रोबोटिक डॉग्स को शामिल किया गया था। इस दौरान रोबोटिक डॉग ने दुश्मन को खोजने, हथियार ले जाने, कैमरे से दुश्मन का ठिकाना बताने सहित विषम परिस्थितियों में सैनिकों की मदद करने का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया।

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