Friday, June 27, 2025
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Kanpur : विश्व रक्तदाता दिवस : रक्तदान केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, यह संवेदना, विज्ञान और सामाजिक कर्तव्य का संगम है

Kanpur । जब किसी के जीवन की घड़ी अंतिम क्षण गिन रही होती है,तब एक अनदेखा रक्तदाता उस समय को फिर से शुरू कर देता है।यही है रक्तदान की सबसे मौन, लेकिन सबसे शक्तिशाली व्याख्या। इस संबंध में डॉ अमरीन फातिमा संस्थापक – AURA Trust ने बताया कि रक्तदान केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं।

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यह संवेदना, विज्ञान और सामाजिक कर्तव्य का संगम है। भारत जैसे विशाल देश में, हर 2 सेकंड में एक व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है।थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों की जीवनरेखा, सड़क दुर्घटना में घायल युवाओं की आशा, डिलीवरी से जूझती माताएं, कैंसर और डायलिसिस से जूझते मरीज़ — इन सभी की साँसें एक यूनिट रक्त पर टिकी होती हैं।

 

उन्होंने कहा कि “रक्त बहता है ज़ख्मों से तो दर्द बनता है,
पर जब दान होता है, तब वह अमृत बन जाता है।AURA Trust और डॉ. अमरीन फातिमा ने महिलाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित किया, जो पहले सामाजिक भ्रांतियों और डर के कारण पीछे थीं।

 

रक्तदान: विज्ञान और मानवता का अद्भुत संतुलन

रक्त का कोई विकल्प नहीं – हृदय, किडनी कृत्रिम रूप से बनाए जा सकते हैं, पर रक्त केवल मनुष्य ही दे सकता है।

1 यूनिट = 3 ज़िंदगियाँ – रेड ब्लड सेल्स, प्लाज़्मा, और प्लेटलेट्स तीन अलग मरीज़ों को दिए जा सकते हैं।

1.5 करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता प्रति वर्ष, पर उपलब्ध होते हैं मात्र 1.1 करोड़ यूनिट्स।

48 घंटे में शरीर रक्त की भरपाई कर लेता है – यह हमारे शरीर की चमत्कारी क्षमता है।

रक्तदान से पहले ज़रूरी सावधानियाँ

1. स्वास्थ्य जांच – बुखार, त्वचा रोग, हेपेटाइटिस, HIV, हाल की सर्जरी आदि से ग्रस्त न हों।
2. उम्र और वजन – 18 से 60 वर्ष तक, वजन ≥ 50 किलो।
3. हीमोग्लोबिन स्तर – पुरुष ≥13.0 gm/dl, महिला ≥12.5 gm/dl।
4. खाली पेट न करें रक्तदान – हल्का पौष्टिक नाश्ता आवश्यक।
5. 24 घंटे पहले धूम्रपान/शराब से परहेज़ करें।
6. महिलाओं के लिए विशेष निर्देश – मासिक धर्म, गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान रक्तदान न करें।
AURA Trust की Lovely Ladies Campaign के तहत 25,000+ महिलाओं को सुरक्षित रक्तदान की शिक्षा दी गई है।

 

रक्त प्राप्तकर्ता की सुरक्षा क्यों जरूरी है?

1. ब्लड ग्रुप और Rh फैक्टर का सही मिलान।
2. क्रॉस मैचिंग टेस्ट – संगतता के लिए।
3. HIV, Hepatitis B/C, मलेरिया जैसे संक्रमणों की जांच।
4. मरीज की एलर्जी, मेडिकल हिस्ट्री की जांच।
5. गलत ट्रांसफ्यूजन जानलेवा हो सकता है।
6. इसलिए, “सावधानी ही जीवन रक्षा है।”

रक्तदान के बाद की देखभाल

कम से कम 30 मिनट विश्राम।

पानी/जूस का सेवन करें।

भारी काम या व्यायाम से 24 घंटे परहेज़।

रक्त दी गई भुजा का ध्यान रखें।

चक्कर या घबराहट हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।

अक्सर की जाने वाली गलतियाँ

बुखार/बीमारी छुपाना।

खाली पेट रक्तदान।

सोशल मीडिया/प्रमाणपत्र के लिए रक्तदान।

प्रशिक्षित स्टाफ के बिना रक्त देना।

AURA Trust की पहल “True Match – Safe Donation” के अंतर्गत 156+ प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा चुके हैं।

महिला सशक्तिकरण और रक्तदान: एक नई परिभाषा

“जब नारी रक्तदान करती है, वह न केवल जीवन बचाती है,
बल्कि सामाजिक सोच को भी बदलती है।”

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