- ग्रीनपार्क में तीसरे दिन विदर्भ ने मेजबान टीम को फॉलोऑन खेलने पर किया मजबूर
- एलीट ग्रुप-डी में आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश ने जीत दर्ज कर नॉकआउट में किया प्रवेश
Kanpur: बीसीसीआई की कूच बिहार ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की टीम को अपनी होम ग्राउंड में विदर्भ के खिलाफ फॉलोऑन खेलने पर मजबूर होने के साथ ही इस ट्रॉफी के नॉकआउट में पहुंचने की सभी उम्मीदें भी शनिवार को समाप्त हो गयी। एलीट ग्रुप-डी में आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश आज अपने-अपने मुकाबले जीतकर नॉकआउट के लिए क्वालीफाई कर गयी हैं।
विदर्भ की पहली पारी में 389 रनों के जवाब में उत्तर प्रदेश की पहली पारी 235 रनों पर सिमट गयी। जिसके फॉलऑन खेलने उतरी मेजबान टीम तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक एक विकेट खोकर 138 रन बना चुकी थी। विकेट पर इस समय भावी शर्मा नाबाद 77 और अमन चौहान नाबाद 44 रन बनाकर खेल रहे हैं। वहीं टीम को एकमात्र झटका यशु प्रधान का लगा। जिन्हें 12 रनों पर देवांश ठक्कर ने क्लीन बोल्ड कर दिया। उत्तर प्रदेश टीम को अभी लीड उतारने के लिए 16 रनों की जरूरत है।
ग्रीनपार्क स्टेडियम में लगातार तीसरा घरेलू मैच ड्रा को ओर बढ़ता नजर आ रहा है। यहां कर्नल सीके नायडू ट्राफी के पिछले दो मैच भी ड्रा खेले गये थे। हालांकि कूच बिहार ट्राफी का जो मैच अभी चल रहा है उसमें मेजबान उत्तर प्रदेश पर हार का भी खतरा मंडराने लगा है। तीसरे दिन तीन विकेट पर 106 रन से आगे खेलने उतरी आज अपने स्कोर में कुल 129 रन ही और जोड़कर पवेलियन लौट गयी। टीम से अमन चौहान और कार्तिकेय सिंह को छोड़कर आज कोई भी बल्लेबाज विकेट पर अधिक देर तक टिक न सका। अमन 88 रन बनाकर रन आउट हुए वहीं कार्तिकेय ने 67 रनों की अर्द्धशतकीय पारी खेली। इन दोनों के अलावा एस राय ने दस, अक्षु बाजवा ने दो, आदित्य कुमार सिंह ने 12, देवांश चतुर्वेदी ने 11 और किशन कुमार सिंह ने एक रन बनाया। विदर्भ की तरफ से संस्कार चावटे ने चार, देवांश ठक्कर ने तीन, पार्थ ने दो विकेट हासिल किए।
ग्रीनपार्क की पिच पर भी उठे सवाल
बीसीसीआई के घरेलू मैचों में इस बार यूपीसीए ने ग्रीनपार्क को पहली ही रणजी मैचों की मेजबानी से महरूम रखा। उसके बाद यहां कर्नल सीके नायडू ट्राफी के दो मैचों की मेजबानी तो मिली लेकिन इन दोनों ही मैचों की नतीजा नहीं निकल सका। आखिरी क्षणों में आवंटित हुआ कूच बिहार ट्राफी में उत्तर प्रदेश और विदर्भ के बीच खेला जा रहा मुकाबला भी ड्रा की ओर बढ़ता दिखायी पड़ रहा है। ऐसे में यहां की पिच पर सवाल खड़े होने लगे हैं क्योंकि टीम यदि अपनी होम ग्राउंड का भी फायदा नहीं उठा सकी तो बाहरी मैदानों में क्या करेगी। जानकारों की माने तो यहां पर जो भी तीन घरेलू मैच खेले गये हैं वह टेस्ट मैच के दौरान ही बनाये गये थे, जबकि इन मैचों की यहां कोई भी तैयारी नहीं हुई।