>एनजीओ और स्कूल से आए बच्चों ने जानी मेट्रो की विशेषताएं; कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो के विस्तार की खबर पर जताई खुशी
>आई आई टी से सेंट्रल तक 14 स्टेशनों वाले रूट पर 15 किमी की दूरी मात्र 25 मिनट में होगी तय
Kanpur ।मेट्रो ने विश्व सार्वजनिक परिवहन दिवस पर कानपुर दर्शन के सहयोग से मोतीझील स्टेशन पर एक विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में ज्ञान भारती स्कूल और एनजीओ एस एस फाउंडेशन से आए बच्चों, शिक्षकों और समाज सेवियों को एक अत्याधुनिक मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के रूप में कानपुर मेट्रो की विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो के विस्तार, भविष्य की योजनाओं और किराये आदि के संबंध में भी सवाल पूछे। अधिकारियों ने बताया कि प्रॉयोरिटी कॉरिडोर (आइआईटी – मोतीझील) के वर्तमान किराया दर के आधार पर आईआईटी से कानपुर सेंट्रल तक का किराया मात्र 40 रूपए ही पड़ेगा। मेट्रो के गोस्मार्ट एनसीएमसी कार्ड धारकों के लिए यह किराया 10 प्रतिशत और कम हो जाएगा।
सत्र का आरंभ लगभग 11ः00 बजे सरस्वती वंदना के साथ हुआ। मेट्रो अधिकारियों ने सार्वजनिक परिवहन के रूप में मेट्रो की उपयोगिता पर चर्चा शुरू करते हुए बताया कि शहर में मेट्रो की परिकल्पना सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से की गई थी। सार्वजनिक यातायात के साधनों के अधिक उपयोग से प्रदूषण में कमी आएगी, सड़कों पर ट्रैफिक का भार कम होगा और लंबे समय तक जाम से व्यर्थ होने वाली समय व ऊर्जा की भी बचत होगी। मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि कानपुर मेट्रो के स्टेशनों और ट्रेन के डिजाइन में यात्रियों की सहूलियत को सर्वोपरि रखा गया है। दिव्यांग यात्रियों के लिए स्टेशनों पर सभी आवश्यक प्रावधान जैसे कि रैम्प, व्हील चेयर, अलग टिकट काउंटर, ब्रेल लिपि में साइनेज, टैक्टाइल पाथ, आरक्षित सीट, ऑटोमैटिक वॉयस अनाउंसमेंट, पैसेंजर डिसप्ले सिस्टम आदि की व्यवस्था की गई है। ट्रेन के अंदर व्हीलचेयर के लिए समर्पित जगह के निकट लॉन्ग स्टॉप ड्यूरेशन बटन की भी व्यवस्था है, ताकि ट्रेन के अंदर प्रवेश एवं निकास के लिए दिव्यांग यात्री को पर्याप्त समय मिल सके।
अधिकारियों ने बताया कि अन्य सार्वजनिक परिवहन के साधनों की तुलना में मेट्रो पर्यावरण की सबसे अच्छी मित्र है क्योंकि मेट्रो प्रणाली ज़ीरो कार्बन एमिशन के साथ संचालित होती है। कानपुर मेट्रो द्वारा निर्माण स्थलों पर धूल उत्सर्जन के प्रभाव को कम करने के लिए पानी के टैंकर और एंटी स्मोग गन से निरंतर जल का छिड़काव किया जाता है। जल संरक्षण के लिए वायडक्ट के नीचे मीडियन में पिट बनाए गए हैं।मीडियन पर विकसित किए जा रहे ग्रीन बेल्ट से शहर की हरीतिमा और शोभा बढ़ रही है। कानपुर मेट्रो डिपो में 1 मेगावाट का सोलर प्लांट, 100 प्रतिशत एलईडी लाइटिंग, रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली के प्रयोग से 45 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत, एचवीएसी प्रणाली से संचालित एयर कंडीशनिंग सिस्टम आदि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कानपुर मेट्रो के कुछ महत्वपूर्ण प्रयास हैं।
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