कैबनेट मंत्री राकेश सचान के सबसे छोटे बेटे हैं अनुभव
Kanpur । भारत के युवा खिलाड़ी अनुभव सचान ने यूनाइटेड किंगडम में इतिहास रच दिया है। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक की बी-3 टीम के साथ यूनिवर्सिटी पोलो चैम्पियनशिप का खिताब जीतकर यह उपलब्धि हासिल की। खास बात यह है कि वे ऐसा करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने हैं।
कानपुर में जन्मे अनुभव सचान का घोड़ों से जुड़ाव किसी आलीशान पोलो ग्राउंड से नहीं, बल्कि लखनऊ रेसकोर्स से शुरू हुआ, जहां उन्होंने पहली बार घुड़सवारी सीखी। वहीं से निकला यह लगाव उन्हें ब्रिटेन के पोलो मैदानों तक ले आया। अनुभव के पिता राकेश सचान प्रदेश सरकार में कैबनेट मंत्री भी है।
दो बेटों व एक बेटी में सबसे छोटे अनुभव की शुरुआती शिक्षा किदवई नगर स्थित वीरेंद्र स्वरूप स्कूल से हुई। जिसके बाद की स्कूलिंग उन्होंने द सिंधिया स्कूल से की, जहां वे डिप्टी हेड बॉय, डिबेटिंग सोसाइटी के सचिव और फुटबॉल टीम के सदस्य रहे। वर्तमान में अनुभव यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक में फिलॉसफी, पॉलिटिक्स और इकोनॉमिक्स के छात्र हैं।
इसके साथ ही वे वारविक कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और राजनीति, नीति-निर्माण व वैश्विक विषयों पर छात्र-नेतृत्व वाले संवाद का संचालन करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि अनुभव ने जब वारविक पोलो क्लब जॉइन किया, तब उनके पास पोलो का कोई अनुभव नहीं था। पढ़ाई और कठिन प्रशिक्षण के बीच तालमेल बैठाना आसान नहीं था, लेकिन लगातार अभ्यास और समर्पण ने उन्हें सफलता दिलाई।

