जापान द्वारा प्रायोजित तीन दिवसीय सब्जी फसल पर व्यावसायिक प्रशिक्षण का हुआ समापन*
Kanpur ।संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूनिडो) जापान द्वारा वित्तपोषित परियोजना जापान से तकनीकी हस्तांतरण के माध्यम से अफ्रीका एवं एशिया में औद्योगिक व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 आनन्द कुमार सिंह की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर कुलपति डा0 आनन्द कुमार सिंह द्वारा परियोजना के वित्तपोषण के लिए यूनिडो जापान एवं उ0प्र0 सरकार का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि सब्जी उत्पादन की नवीन कृषि तकनीकों के अंगीकरण एवं उनके व्यवसायीकरण के द्वारा उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पाद तैयार करने के साथ-साथ अधिक आय भी प्राप्त की जा सकती है।
कुलपति ने बताया कि देश में लाभप्रद कृषि तकनीकों के अंगीकरण की पर्याप्त संभावनाएं है। उन्होंने जापानी आईमेक तकनीक की प्रशंसा करते हुए बताया कि यह तकनीक प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में सहायक है।मेबिआल इंक. जापान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 हिरोशी योशियोका द्वारा परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आईमेक तकनीक भारतीय कृषि के विकास में क्रान्तिकारी बदलाव ला सकती है।
राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक यूनीडो नई दिल्ली रेखा जैन द्वारा बताया गया कि परियोजना के अन्तर्गत आयोजित व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में महिलाओं की 40 प्रतिशत भागीदारी परियोजना की सफलता को दर्शाती है तथा यह कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनायेगा।
राष्ट्रीय परियोजना सहायक यूनीडो आदित्य अरोड़ा द्वारा आईमेक तकनीक पर चर्चा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा परियोजना के सभी घटकों के नियोजित लक्ष्यों की प्राप्ति की है। इस अवसर पर कोर्स निदेशक डा0 पी0के0 सिंह द्वारा परियोजना के अन्तर्गत विगत लगभग एक वर्ष की उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के शाकभाजी अनुभाग पर आईमेक तकनीक पर प्रदर्शन इकाई स्थापित की गयी है जो किसानों एवं युवाओं का कौशल विकास करेगी तथा सब्जी के गुणवत्तायुक्त उत्पादन को एक नई दिशा मिलेगी।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कोर्स समन्वयक डा0 राजीव द्वारा सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया तथा बताया गया कि भविष्य में भी इसी प्रकार जापानी तकनीक के हस्तांतरण के लिए निरन्तर प्रयास किये जायेंगे।
इस अवसर पर अधिष्ठाता कृषि वानिकी अधिष्ठाता उद्यान निदेशक प्रसार निदेशक प्रशासन एवं मानीटरिंग संकाय सदस्यों उद्यमियों के साथ-साथ लगभग 50 शोध छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।