*तिर्वा तहसील स्थित उमरन गांव जो कि कन्नौज जिले में है पिछले कुछ दिनों से मन्दिर बनाम मजार का विवाद तुल पकड़ता चला जा रहा है।
Kannauj: उमरन गांव कभी राजा उमराव का कार्य क्षेत्र हुआ करता था। इसी लिए उस गांव का नाम उन्हीं के नाम पर उमरन पड़ा था।वहां के लोगों ने उनके सम्मान में अपने देवस्थान के बगल में राजा उमराव की गद्दी का निर्माण कर दिया था।
गांव के बुजुर्गों और गांव के लोगों का कहना है कि उस देव स्थान से उस गांव क्या आसपास क्षेत्र की जनता की आस्था जुड़ी है लेकिन पूर्व प्रधान जमील और उस के भाइयों ने जेहादी मानसिकता के चलते अपने बल प्रभाव ओर दबंगई के बल पर उस देव स्थान को तोड़ कर मजार में तब्दील कर दिया है।
जिस ने भी इस का विरोध किया उस को बल प्रभाव से डरा धमका कर उसे शांत करा देता था।
गांव के निवासी बताते हैं कि बसपा सरकार में अपनी दबंग प्रवृति के चलते उसने अपना मकान अपनी मार्केट और बहुत सारी कृषि भूमि अपने कार्य काल में ग्राम समाज की जमीन पर निर्माण कर वो और उस के भाई अपना रसूख भोले भाले गांव की जनता पर दिखाते हैं।
हद तो तब हो गई जब पूर्व प्रधान जमील ने राशन कोटा भी अपनी शादी शुदा बेटी के नाम उमरन का निवासी दिखा ले लिया।
लेकिन पिछले कुछ दिनों में विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल ने इस मामले में अपना हस्तक्षेप कर पूर्व प्रधान व उस के भाइयों की करतूत सरकार व प्रशासन के सामने लाये तो तुरंत योगी सरकार व प्रशासन एक्शन में आई ।
इस मामले के तूल पकड़ते ही प्रशासन ने रातों रात अधिकारियों के ट्रांसफर के साथ स्थलीय जांच के आदेश दिये।
आप को बताते चले जब से माननीय मंत्री अशिम अरुण ने स्थलीय मौका मुआयना कर( ASI) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की जांच के साथ कही न कहीं इस की पुष्टि की है और जांच के आदेश दिए है तब से प्रशासन ने ओर इस मामले में तेजी दिखाई है।