Varanasi। संगम तट पर द्वादशवर्षीय कुंभ में उमड़े 13 अखाड़ों के नागा साधू वसंत पंचमी के स्नान के बाद अब बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी पहुंच रहे हैं। 12-13 फरवरी तक सभी नागा साधू काशी पहुंचने वाले है। उनके आने के बाद इस पार के घाटों से लेकर उस पार रेती तक और विभिन्न मठों, आश्रमों, धर्मशालाओं में नागा साधुओं का डेरा पड़ जाता है।
आदि शंकराचार्य द्वारा धर्म रक्षा के लिए स्थापित किए गए नागा साधुओं सभी 13 अखाड़ों में सबसे बड़े अखाड़े श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े सहित चार प्रमुख शैव सन्यासी अखाड़ों का मुख्यालय काशी में ही है।
इसमें हनुमान घाट पर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा, दशाश्वमेध घाट पर श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, हनुमान चैक कपिलधारा में श्री पंच अटल अखाड़ा, शिवाला घाट पर महानिरंजनी अखाड़ा के मुख्यालय हैं।
इनके अतिरिक्त राजघाट पर श्रीअग्नि अखाड़ा, कपिलधारा पर आनंद अखाड़ा, पद्मश्री सिनेमा के पास कुरुक्षेत्र पोखरा पर वैष्णव संप्रदाय के बड़ा उदासीन अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा निर्मोही अखाड़ा, अनी अखाड़ा आदि सभी 13 अखाड़ों की शाखाएं हैं। इन मुख्यालयों व शाखाओं में हजारों सन्यासी रहते हैं।
जूना अखाड़े के पंच का स्वागत वाराणसी के चांदपुर में हुआ, इस स्वागत समारोह में डीएम एस राज लिंगमबी मौजूद रहे। अखाड़े ने यहां भोजन किया। ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत हुआ। जिसके बाद सभी पंच कमच्छा स्थित अखाड़े के लिए रवाना हुए। जूना अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज ने बताया कि आज हमारे पंच अपने-अपने अखाड़े में चले जाएंगे। बाकी संत महात्मा पूर्णिमा स्नान के बाद काशी के लिए प्रस्थान करने वाले है। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि को हम सभी गंगा स्नान करने के बाद नागा साधु दिगंबर भगवान शिव के बारात में शामिल होने के बाद हम लोग पेशवाई कर बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने वाले है।
श्रीपंचदशनाम आवाहन अखाड़ा के श्रीमहंत रामानुज पुरी महाराज ने बताया कि उनके अखाड़े के महात्मा काशी पहुंचे गये है। 12 फरवरी तक सभी काशी पहुंच जाएंगे। अखाड़ा के संत-महात्माओं में से कुछ कबीरचौरा स्थित अखाड़ों के मठ में रहने वाले है। वहीं कुछ दशाश्वमेध घाट पर प्रवास करने वाले है। आवाहन अखाड़ा की पेशवाई महाशविरात्रि के दिन 26 फरवरी को निकलेगी।