Srinagar । पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को पाकिस्तानी कमांडो की ट्रेनिंग मिली हुई थी और अभी भी घाटी में ऐसे 15-20 आतंकी मौजूद हैं।
जम्मू-कश्मीर की जेलों में बंद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप कमांडोज जैसी ट्रेनिंग दी गई थी।
15-20 ऐसे कमांडर कश्मीर घाटी में मौजूद हैं, जो विदेशी आतंकियों के छोटे-छोटे ग्रुप को लीड कर रहे हैं। अब इन आतंकियों की खोज की जा रही है।
ऊबड़-खाबड़ इलाकों के लिए ट्रेंड आतंकी
भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि पहलगाम में नरसंहार करने वाले आतंकवादी ऐसी भागौलिक परिस्थितियों के लिए ट्रेंड हैं और उन्होंने युद्ध प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है।
माना जाता है कि आतंवादियों में से एक हाशिम मूसा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक पूर्व पाकिस्तानी पैरा कमांडो है। वह अपने सैन्य प्रशिक्षण और सामरिक विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। खुफिया जानकारी से पता चलता है कि पहलगाम आतंकी हमला सावधानीपूर्वक और योजनाबद्ध तरीके से किया गया था। आतंकवादियों ने दो महीने पहले सांबा-कठुआ कॉरिडोर के जरिए क्षेत्र में घुसपैठ की थी।
अब तक इसलिए पकड़ से दमर आतंकी
कश्मीर का यह इलाका आतंकवादियों के लिए एक नेचुरल कैमफ्लेज (प्राकृतिक आवरण या छिपने में सहायक) की तरह काम करता है। इस कारण से सुरक्षा बलों को उनका पीछा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है और गहन सर्च ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है। यूएस जियोग्राफिकल सर्वे के अनुसार, पहलगाम के पास सबसे ऊंचा पहाड़ माउंट एवरेस्ट की लगभग आधी ऊंचाई का है।
जो बैसरन से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। यह पहाड़ अपनी 15,108 फीट तक की चोटियों के साथ, इस क्षेत्र में ऊबड़-खाबड़ पर्वत श्रृंखलाओं और पूर्व की ओर घने जंगलों का जाल बनाता है, जहां आतंकवादी छिपे हो सकते हैं।