Sagar। आईपीएल खिलाड़ी आशुतोष शर्मा इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। उन्होंने अपनी टीम को तब जीत दिलाई जब उनके जीतने की संभावना 5 प्रतिशत से भी कम थी।
लेकिन आशुतोष का यह सफर आसान नहीं था। उनके इस शानदार प्रदर्शन के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और लंबा संघर्ष छिपा है। उज्जैन डिवीजन क्रिकेट टीम के ओपनर और आशुतोष के साथी खिलाड़ी सिद्धार्थ पाटीदार ने बताया कि अंडर-12 से अंडर-19 तक दोनों एक ही टीम से खेलते रहे हैं।
दोनों ही अपनी टीम के लिए ओपनिंग करते थे और अहम मुकाबलों में पांच से अधिक बार शतकीय साझेदारियां कर चुके हैं। एमपीसीए की अंडर-16 टीम ने जब टूर्नामेंट जीता था, तब सिद्धार्थ कप्तान थे और दोनों ने ओपनिंग की थी।
विजय मर्चेंट ट्रॉफी जीतने के बाद आशुतोष ने ओपनिंग छोड़कर मिडिल ऑर्डर में खेलना शुरू किया था। इसके बाद में रेलवे में जॉब लगने के बाद वह रेलवे टीम से खेलने लगे। आशुतोष मूल रूप से रतलाम जिले से आते हैं, लेकिन उन्होंने क्रिकेट की एबीसीडी उज्जैन डिविजन में सीखी। अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 तक दोनों एक ही टीम से खेलते थे।
शुरुआत में वे ओपनिंग के साथ विकेटकीपिंग भी करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान दिया। बीसीसीआई के कैंप में भी वे साथ गए थे। सिद्धार्थ पाटीदार पिछले साल आईपीएल ऑक्शन में भी थे, लेकिन उन्हें किसी टीम ने खरीदा नहीं।
हालांकि, एमपीसीए के लिए उनका शानदार रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने दो बार दोहरा शतक, 13 शतक और 15 बार सेंचुरी लगाई है। सिद्धार्थ का कहना है कि उनका सपना भारत के लिए खेलना है और इसके लिए वह लगातार मेहनत कर रहे हैं।