New Delhi । केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में अपने मंत्रालय से जुड़े कार्यों और सदस्यों के सवालों के जवाब दिए। इस दौरान गडकरी ने सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों पर रोष जाहिर किया। इतना ही नहीं, उन्होंने सडक़ परियोजनाओं में कॉन्ट्रैक्टर्स की लापरवाही से लेकर टोल केंद्रों की संख्या को लेकर भी जवाब दिया।
दरअसल, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की खामिया गिनाईं थीं और 150 से ज्यादा लोगों की मौत की बात कही थी। नागौर से सांसद ने बताया था कि अकेले दौसा में ही 50 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई हैं। उन्होंने एक्सप्रेस-वे पर लगाए गए ठेकेदारों और अफसरों पर कार्रवाई और जांच रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री से जानकारी मांगी थी। इस पर गडकरी ने कहा, यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है और वैश्विक स्तर पर सबसे कम समय में बनाया गया है।
इसकी कीमत एक लाख करोड़ रुपये है। केंद्रीय मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि लेयर में फर्क आया है, लेकिन मैटेरियल में बदमाशी नहीं हुई है। कुछ जगह पर लेयर जरूर दब गई है, जिसका पता चला। हमने इसको सुधारने के लिए कहा था, जिसे सुधारा गया है। जहां लेयर में फर्क आया है, उसके लिए 4 ठेकेदारों को हमने जिम्मेदार ठहराया और उनको नोटिस देकर कड़ी कार्रवाई करेंगे। जो अधिकारी हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
छह महीने तक कोई टेंडर नहीं भर सकेगा
गडकरी ने कहा कि अगर ऐसे क्वालिटी से जुड़ा खराब काम कॉन्ट्रैक्टर करता है तो वो छह महीने तक कोई टेंडर नहीं भर सकेगा। ऐसी नीति हमने बनाई है और अधिकारी जो हैं, उनको भी विशेष रूप से इसमें कार्रवाई कर के नौकरी से सस्पेंड करेंगे। पीएम मोदी के नेतृत्व में मेरे विभाग ने 50 लाख करोड़ के कार्य किए हैं। किसी भी कॉन्ट्रैक्टर को अपने कॉन्ट्रैक्ट के लिए मंत्रालय नहीं आना पड़ा। हम पारदर्शी हैं, समय सीमा को लेकर प्रतिबद्ध हैं और नतीजे चाहते हैं।
मैं सार्वजनिक सभा में कह चुका हूं कि अगर कॉन्ट्रैक्टर काम नहीं करेगा तो बुलडोजर के नीचे उसको डलवा देंगे, याद रखना। इस साल देखो कॉन्ट्रैक्टर को कैसे ब्लैक लिस्ट करवाते हैं। इनको बिल्कुल ठोक पीट कर सीधा कर देंगे। हम किसी के साथ कॉम्प्रोमाइज नहीं करते हैं।
सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों पर जताई चिंता
गडकरी ने लोकसभा में सडक़ दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद देश में सडक़ हादसों की वजह से एक साल के अंदर 1.68 लाख लोगों की मौत हुई है। इन दुर्घटनाओं में मरने वालों में 60 फीसदी युवा थे। उन्होंने सदन में कहा कि यह स्थिति दुखद है और इसे रोकने के लिए समाज को सहयोग करना होगा।
गडकरी ने कहा, ‘‘दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कोशिश करने के बावजूद एक साल में 1.68 लाख मौत हुई हैं। ये लोग दंगों में नहीं, सडक़ हादसों में मारे गए।’’ उन्होंने कहा कि मरने वालों में 60 फीसदी लडक़े-लड़कियां थे। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं महाराष्ट्र (विधान परिषद) में नेता प्रतिपक्ष था तो सडक़ दुर्घटना में घायल हो गया था और मेरी चार जगह हड्डी टूट गई थी। मैं इस स्थिति को समझता हूं।’’ मंत्री ने सांसदों से अपील की कि वे भी सडक़ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बढ़चढक़र सहयोग करें।
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