New delhi । न्यू इंडिया फाउंडेशन ने 2025 सत्र के लिए अपनी ट्रांसलेशन फेलोशिप के तीसरे चरण की घोषणा कर दी है। इसके तहत देशभर के अनुवादकों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन 1 अगस्त 2025 से शुरू होंगे और 31 दिसंबर 2025 तक स्वीकार किए जाएंगे।यह फेलोशिप भारत की समृद्ध बौद्धिक विरासत तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, क्योंकि इसका बड़ा हिस्सा आज भी क्षेत्रीय भाषाओं तक सीमित है।
न्यू इंडिया फाउंडेशन (एनआईएफ) ट्रांसलेशन फेलोशिप्स के माध्यम से देश की प्रमुख भारतीय भाषाओं से अंग्रेज़ी में महत्वपूर्ण नॉन-फिक्शन कृतियों का अनुवाद कराया जाता है, ताकि भारत की भाषाई विविधता को देश-विदेश के व्यापक पाठक वर्ग तक पहुंचाया जा सके।चयनित अनुवादकों को छह महीने की अवधि के लिए 6 लाख रुपए की फेलोशिप दी जाएगी, ताकि वे असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मराठी, मलयालम, उड़िया, तमिल या उर्दू—इन दस भारतीय भाषाओं में से किसी एक में लिखी गई मूल नॉन-फिक्शन कृति का अंग्रेज़ी में अनुवाद कर सकें।
इस पहल पर बात करते हुए न्यू इंडिया फाउंडेशन के ट्रस्टी श्रीनाथ राघवन ने कहा, “भारत का इतिहास सिर्फ स्मारकों या संग्रहालयों में नहीं, बल्कि उन पुस्तकों में भी जीवित है, जो देश की अनेक भाषाओं में लिखी गई हैं। इन कृतियों में विचारकों, समाज सुधारकों, यात्रियों और आम नागरिकों की आवाज़ें दर्ज हैं।
जिन्होंने राष्ट्र को देखने और समझने का नजरिया गढ़ा है। दुर्भाग्यवश, इन ग्रंथों को आज भी बहुत कम लोग पढ़ पाए हैं क्योंकि इनका अनुवाद अब तक नहीं हुआ। ट्रांसलेशन फेलोशिप के ज़रिए हम इन्हें नया जीवन देना चाहते हैं।”