New Delhi ।मानसून में ज़्यादा से ज़्यादा लोग पीने के पानी और स्वास्थ्य की सुरक्षा पर ज़ोर दे रहे है, जिसकी बदौलत भारत के वाटर प्यूरीफायर बाज़ार में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। क्रोमा में मांग के पैटर्न भी दर्शाते हैं कि, भारत भर के घरों में वाटर प्यूरीफायर पर सबसे ज़्यादा ध्यान दे रहे हैं, वाटर प्यूरीफायर की साल भर की खरीदारी में से लगभग 35% खरीदारी मानसून के दौरान होती है। इस वर्ष की पहली तिमाही में वाटर प्यूरीफायर की मांग में दो अंकों की मज़बूत वृद्धि देखी गई।
बरसात के मौसम में हैजा, टाइफाइड और हेपेटाइटिस ए जैसी दूषित पानी के कारण होने वाली बिमारियों के बारे में बढ़ती जागरूकता इसका कारण है।क्रोमा ने अपने उपभोक्ताओं के व्यवहार का अध्ययन किया और उनके निष्कर्ष के अनुसार, पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अप्रैल-जून 2025 तिमाही में उनकी बिक्री में 11% की प्रभावशाली वृद्धि और 12% की मूल्य वृद्धि देखी गई है। मासिक आंकड़ें लगातार तेज़ी दिखा रहे हैं: अप्रैल में बिक्री में 8% की वृद्धि हुई और मूल्य में 10% की वृद्धि हुई, मई में बिक्री में 12% की वृद्धि हुई और मूल्य में 14% की वृद्धि हुई, और जून में बिक्री में 13% की वृद्धि हुई और मूल्य में भी 13% की वृद्धि हुई।क्षेत्रों की बात करें तो, महाराष्ट्र क्रोमा का सबसे बड़ा बाज़ार बना हुआ है।
देशभर में वाटर प्यूरीफायर की बिक्री में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 25% है, इसके बाद कर्नाटक 15%, गुजरात 12% के साथ दूसरे स्थान पर और तेलंगाना 8% पर है, जबकि उत्तर प्रदेश और दिल्ली का हर कंपनी के प्यूरीफायर की बिक्री में 6% का योगदान है।क्रोमा-इनफिनिटी रिटेल लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा, “बारिश में लोगों का ध्यान पीने के पानी की सुरक्षा पर केंद्रित है, ज़्यादा से ज़्यादा परिवार क्रोमा में सिर्फ़ एक और उपकरण की तलाश में नहीं, बल्कि वास्तविक समाधान की तलाश में आ रहे हैं।