भाजपा बचाव करने मैदान में उतरी
New Delhi । मशहूर उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिका में रिश्वत और धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। अमेरिका की कोर्ट ने इस मामले में अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया एक्स पर पूरे मामले को लेकर पीएम मोदी को घेरा है। कांग्रेस ने एक्स पर लिखा- आरोप है कि अमेरिका में ठेका पाने के लिए अडाणी ने 2,200 करोड़ रुपए की घूस दी।
कांग्रेस ने कहा कि जब इस मामले की जांच जांच शुरु हुई तो इसे रोकने की साजिश भी रची गई।कांग्रेस ने कहा कि अब अमेरिका में अडाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। कांग्रेस ने एक्स लिखा- अजीब बात है…कांग्रेस लगातार अडाणी और इससे जुड़े घपलों की जांच की बात कह रही है, लेकिन पीएम मोदी पूरी ताकत से अडाणी को बचाने में लगे हैं। वजह साफ है- अडाणी की जांच होगी तो हर कड़ी पीएम मोदी से जुड़ेगी।
अडाणी के खिलाफ वारंट का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी ट्वीट किया। उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति की जांच की बात कही है। उद्योगपति गौतम अडाणी अमेरिका में धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के आरोपों पर घिर गए हैं। कांग्रेस ने इसे गहरी सांठगांठ का हिस्सा करार दिया है।वहीं, कांग्रेस के हमलों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि आरोप लगाने से पहले पढ़ लेना चाहिए।
अनावश्यक उत्साहित होने की जरूरत नहीं है। इस मामले में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा गौतम अडाणी और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाना उस मांग को सही ठहराता है जो कांग्रेस जनवरी 2023 से कई घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच के लिए कर रही है।
रमेश ने हम अडाणी के हैं सीरीज का जिक्र किया, जिसमें कथित घोटालों और पीएम मोदी और गौतम अडाणी के बीच संबंधों के बारे में 100 सवाल उठाए हैं। उन्होंने मामले में जवाबदेही की जरूरत को दोहराया और कहा कि सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले हैं।
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि अमेरिका सरकार ने अरेस्ट वारंट निकाला है। यह हमारे देश के लिए शर्म की बात है। अडाणी के लिए मोदीजी ने देश पर धब्बा लगा दिया है। हम अडाणी राष्ट्र नहीं बनने देंगे।कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि कोई भी प्रतिक्रिया देने से पहले पढ़ना हमेशा अच्छा होता है। आपने जिस दस्तावेज़ का हवाला दिया है, उसमें लिखा है, अभियोग में आरोप हैं और प्रतिवादियों को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि वे दोषी साबित ना हो जाएं, लेकिन जैसा भी हो आरोप का सार यह है कि अमेरिकी और भारतीय कंपनियां भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) को 12 गीगावॉट बिजली की आपूर्ति दिए जाने पर सहमत हुईं है।
यह एसईसीआई द्वारा राज्य बिजली वितरण कंपनियों (एसडीसीएस) के साथ पीपीए में प्रवेश के अधीन था। अडाणी ग्रीन एनर्जी के बीच अमेरिकी नवीकरणीय ऊर्जा, एज़्योर पावर के साथ एक सहयोग था, जिसके तहत एज़्योर को 4 गीगावॉट और अडाणी ग्रीन एनर्जी को 8 मेगावाट आवंटित किया गया था। चूंकि बिजली महंगी थी, एसडीसी खरीदने को तैयार नहीं थे। इसलिए अडाणी ने अमेरिकी कंपनी के साथ जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच ओडिशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में स्थित एसडीसी को 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर भुगतान किया।
मालवीय ने कहा कि अनावश्यक रूप से उत्साहित ना हों। संसद सत्र और डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति पद संभालने से ठीक पहले रिपोर्ट का समय कई सवाल खड़े करता है। यह बात बहुत कुछ कहती है कि कांग्रेस जॉर्ज सोरोस और उनके गुट का सहारा बनने को तैयार है।
अमेरिका में कोर्ट में अडाणी से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान फेडरल प्रोसिक्यूटर ने आरोप लगाया कि दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक अडाणी और अन्य प्रतिवादियों ने सोलर एनर्जी ठेका जीतने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 लाख डॉलर से ज्यादा की रिश्वत देने का वादा किया था। साथ ही अमेरिकी निवेशकों से धन जुटाने की कोशिश करते समय उन्होंने इस योजना को छुपाया था।