–एनआईए ने किया खुलासा, मुश्ताक अहमद जरगर का नाम आया सामने
New Delhi । पहलगाम आतंकी हमले की जांच ने अब नया मोड़ आ गया है। अभी तक सवाल उठ रहा था कि आतंकी वहां कैसे पहुंचे? कैसे इतनी आसानी से लोगों को मारकर कर वहां से निकल गए और वह किसी के पकड़ में नहीं आए। अब इस हमले की जांच कर रही एनआईए टीम ने खुलासा करते हुए कहा है कि आतंकी संगठन अल उमर मुजाहिदीन के मुखिया मुश्ताक अहमद जरगर की इसमें भूमिका हो सकती है।
बता दें उसके समर्थकों ने पहलगाम हमले के ओवर ग्राउंड वर्करों की मदद की थी। इस संगठन का मुखिया मुश्ताक अहमद जरगर कंधार हाईजैक के दौरान मसूद अजहर के साथ भारत सरकार द्वारा रिहा किया गया था। फिलहाल वह पाकिस्तान में है। इसका खुलासा सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए ओवरग्राउंड वर्करों से पूछताछ में हुआ।
जरगर के आतंकी संगठन को भारत सरकार ने बैन कर रखा है। 2023 में उसके घर को नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी ने कुर्क किया था। मीडिया रिपोर्ट में एनआईए सूत्रों के मुताबिक बताया गया है कि जरगर पाकिस्तान में है, लेकिन श्रीनगर का होने के नाते ओवर ग्राउंड वर्करों के समर्थकों में उसकी बड़ी पकड़ है। इसीलिए पहलगाम आतंकी हमले में इस शख्स की भूमिका अहम मानी जा रही है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर के कई प्रतिबंधित संगठन जांच एजेंसी के निशाने पर हैं। कई अपराधी और आतंकी इस समय हिरासत में हैं। 100 से ज्यादा ओवर ग्राउंड वर्कर के ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा चुका है।
90 से ज्यादा ओवर ग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। एनआईए लोकल इंटेलिजेंस के साथ पहलगाम के आसपास के कुछ संदिग्ध प्वाइंट के इनपुट को डेवलप कर रही है।