Mumbai ।पनया ड्रामा ‘गंगा माई की बेटियां’ दर्शकों के दिलों को छू रहा है। कहानी है गंगा माई की, जिसे उसका पति इसलिए छोड़ देता है क्योंकि वो बेटे को जन्म नहीं दे पाई। लेकिन टूटने की बजाय वो खुद को संभालती है, अपनी तीन बेटियों – सहाना (सृष्टि जैन), स्नेहा (अमंदीप सिद्धू) और सोनी (वैष्णवी प्रजापति) को सम्मान के साथ पालती है।
वाराणसी के घाटों की पृष्ठभूमि पर गंगा माई की यह कहानी हौसले और आत्मसम्मान की मिसाल पेश करती है। ज़ी टीवी पर छह साल बाद वापसी कर रहीं मशहूर अभिनेत्री शुभांगी लाटकर ने इस दमदार किरदार को निभाया है।मेरे लिए ‘गंगा माई की बेटियां’ सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि ज़िंदगी का आईना है।
हौसला, आत्मसम्मान और पारिवारिक रिश्ते -ये कोई बड़ी बातें नहीं हैं, बल्कि हम इन्हें रोज़मर्रा की ज़िंदगी में जीते हैं। अपनों से मिलने वाला प्यार और साथ हमें आगे बढ़ने, सपने देखने और हार न मानने की ताकत देता है।छह साल बाद ज़ी टीवी पर वापसी करना मेरे लिए घर लौटने जैसा है, और इससे बेहतर किरदार मुझे नहीं मिल सकता था।