Lucknow । सरकारी व निजी स्कूलों में पढ़ रहे 45 प्रतिशत छात्रों की अभी तक आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी नहीं बन सकी है। कुल 3.75 करोड़ विद्यार्थियों में 2.08 करोड़ की आईडी बन सकी है। विद्यार्थियों के शैक्षिक रिकार्ड की निगरानी इसी आईडी से की जानी है। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय ने जिलों से इस संबंध में जवाब-तलब किया है।
अपार आईडी बनाने में सरकारी स्कूल आगे हैं और निजी स्कूल लापरवाही बरत रहे हैं। करीब 54 प्रतिशत विद्यार्थियों की अपार आईडी बनना अभी बाकी है। विद्यार्थियों की पहचान इसी अपार आईडी से होनी है। इसकी मदद से उनके पूरे शैक्षिक रिकार्ड की ट्रैकिंग की जा सकेगी। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय ने बीएसए व डीआईओएस को पत्र लिखकर अपार आईडी बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
13 जिले पीछे
प्रदेश में 13 जिले ऐसे हैं जहां पर 50% से भी कम विद्यार्थियों की अपार आईडी बनाई गई है। कानपुर नगर में 36.15%, मथुरा में 42.07%, आगरा 42.42%, मेरठ 45.47%, बलिया 45.57%, मुरादाबाद 45.97%, आजमगढ़ 46.30%, कन्नौज 47.61%, अमरोहा 47.93%, लखनऊ 48.86%, गोरखपुर 49.46%, मऊ 49.49% और गोंडा में 50% विद्यार्थियों की अपार आईडी बन सकी है।