डाउनलाइन‘ पर 331 मीटर लंबे टनल का निर्माण पूरा करने के बाद अब मशीन को स्टेशन पर किया जाएगा ‘ड्रैग’; झकरकटी स्टेशन होते हुए कानपुर सेंट्रल की दिशा में बढ़ेगी आगे
Kanpur ।मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-1 (आईआईटी – नौबस्ता) के अंतर्गत स्वदेशी कॉटन मिल के पास स्थित रैंप एरिया से कानपुर सेंट्रल तक लगभग 2.40 किमी लंबे अंडरग्राउंड स्ट्रेच पर टनल निर्माण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इस क्रम में ‘विद्यार्थी‘ टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम मशीन) ने आज ‘डाउनलाइन‘ पर लगभग 331 मीटर लंबे टनल का निर्माण पूरा कर ब्रेकथ्रू हासिल किया। यह मशीन आज शाम लगभग 5:00 बजे जमीन के नीचे रास्ता तैयार करते हुए ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन पहुंची। कानपुर मेट्रो के परियोजना निदेशक श्री अरविंद मीणा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच इसका स्वागत हुआ। उक्त स्ट्रेच के ‘अप-लाइन‘ पर ‘आजाद‘ टीबीएम मशीन स्वदेशी कॉटन मिल से ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन तक पहले ही टनल निर्माण पूरा कर चुकी है। अब, दोनों टीबीएम मशीन स्टेशन के दूसरे छोर तक ‘ड्रैग’ किए जाने के बाद कुछ दिनों के अंतराल पर झकरकटी स्टेशन की ओर लॉन्च कर दी जाएंगी।झकरकटी स्टेशन से ये मशीन पुनः कानपुर सेंट्रल की ओर टनल निर्माण करते हुए आगे बढ़ेंगी।
विदित हो कि कॉरिडोर-1 (आईआईटी – नौबस्ता) के अंतर्गत लगभग 8.20 किमी लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन में चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज, कानपुर सेंट्रल, झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर, कुल 7 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं। मैकरॉबर्टगंज स्थित रैंप एरिया से कानपुर सेंट्रल तक टनल निर्माण की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद अब स्वदेशी कॉटन मिल के पास स्थित रैंप एरिया से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक लगभग 2.40 किलोमीटर लंबे अंडरग्राउंड स्ट्रेच में टनल का निर्माण किया जा रहा है। इसी स्ट्रेच में ट्रांसपोर्ट नगर और झकरकटी स्टेशन भी पड़ते हैं।डाउनलाइन’ पर टनल निर्माण के इस सफर में ‘विद्यार्थी‘ टीबीएम मशीन ने कुल 230 रिंग्स लगाए और लगभग 331 मीटर लंबे टनल का निर्माण पूरा किया। अगले कुछ दिनों में ‘विद्यार्थी‘ टीबीएम मशीन की ‘ड्रैगिंग‘ प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे ट्रांसपोर्ट नगर से झकरकटी की ओर लॉन्च कर दिया जाएगा।
*समय की बचत के लिए ’ड्रैगिंग’ प्रणाली का उपयोग*
आमतौर पर मशीनों को अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन के अंदर ‘ड्रैग‘ यानी खींचा नहीं जाता, बल्कि स्टेशन के एक छोर पर रिट्रीवल शाफ्ट तैयार कर बाहर निकाला जाता है और फिर दूसरे छोर पर बने लॉन्चिंग शाफ्ट से दोबारा लॉन्च किया जाता है। ‘आजाद‘ टीबीएम मशीन जब ‘अप-लाइन‘ पर ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन तक टनल निर्माण करने के बाद पहुंची तो उसे ’ड्रैगिंग प्रणाली’ का उपयोग करते हुए स्टेशन के अंदर एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। ‘डाउनलाइन‘ पर ‘विद्यार्थी‘ टीबीएम मशीन के साथ भी यही प्रक्रिया दोहराई जाएगी। ’ड्रैगिंग प्रणाली’ के उपयोग से समय की बचत होती है। इस प्रणाली की मदद से मशीन जमीन के अंदर ही अंदर टनल निर्माण करते हुए कानपुर सेंट्रल के रीट्रीवल शाफ्ट तक पहुंचेंगी।
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