Kanpur ।ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज जवाहर नगर में ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बाबा जोरावर सिंह जी व बाबा फतेह सिंह के धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान को स्मरण करते हुए कहा कि हमारे देश की माटी की यह विशेषता है कि जब भी इस राष्ट्रभू को बलिदान की आवश्यकता हुई है तब-तब ऐसे वीर सपूतों को जन्म देती रही है।
इन बलिदानी वीरों ने धर्म और मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने में तनिक भी देर नहीं लगाई। अनेक प्रकार की भयावह एवं अमानवीय यातनाओं को सहन किया किन्तु धर्म के प्रति इन्होंने टेक नहीं छोड़ी। गुरुजी और उनकी सेना पर मुगल सेना ने हमला किया। आनंदपुर साहिब किला संघर्ष का प्रारंभिक बिंदु था। सरसा नदी के तट पर एक लंबी लड़ाई के बाद परिवार अलग हो गया। बाद में, नवाबों ने साहिबजादों से इस्लाम अपनाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया और सिख धर्म के प्रति अपने प्रेम की पुष्टि की।
किशोर बालकों के इस निडर रवैये से मुगल बादशाह क्रोधित हो गए, परिणामस्वरूप उन्हें दीवारों के बीच चुनवा दिया गया। गुरू गोविन्द सिंह जी ने उच्चारण किया-‘चार मुए तो क्या हुआ जीवित कई हजार’ यह शब्द एक पिता नहीं बल्कि राष्ट्रपिता ही कह सकते हैं। गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों एवं माता गुजरी देवी का बलिदान प्रत्येक व्यक्ति को धर्म एवं देश की रक्षा के लिए प्रेरित करता है।
वर्तमान में देश में इस प्रकार की विषम स्थितियाँ पुनः उत्पन्न हो रही हैं। आज आवश्यकता है बिना जाति-संप्रदाय आदि का भेदभाव रखते हुए हम सब एकजुट हों एवं अपने मान-प्रतिष्ठा-धर्म एवं मातृभूमि की रक्षा के लिए कटिबंध हों।ओंकारेश्वर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के वरिष्ठ संरक्षक डॉ. अंगद सिंह, डॉ० ओ०पी० सिंह एवं राममिलन सिंह ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया एवं अतिथियों का परिचय एवं संचालन गुरुविन्दर सिंह छाबड़ा ‘विक्की’ ने किया।
गुरूनानक फुलवारी संस्था के बच्चों ने शब्द गायन एवं गुरुपुत्रों की कविता गायन की। कार्यक्रम का उद्बोधन एवं भूमिका डॉ० मनप्रीत सिंह भट्टी ने रखी। अवध बिहारी मिश्र ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर प्रमुख रूप से सिख वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारी चरनजीत सिंह ‘नामी’, हरमिन्दर सिंह ‘रिम्पी बिन्द्रा’, गगन सोनी, कैप्टन भाटिया, सन्दीप छाबड़ा, महेश सोनी, हरविन्दर गाँधी, बाबा वीर, बब्बू वीर, हरमिन्दर सिंह ‘पूनी’, रवीन्द्र सिंह सोमी, गगनदीप सिंह, आर.के. सिंह, भूपति तिवारी, डॉ. ममता तिवारी एवं कानपुर नगर की प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रमुख व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।