सभी जिला इकाइयों को खुश करने की गयी कोशिश
मंगलवार को खेले गये मैच में शीर्ष अधिकारी रहे नदारद
Kanpur । उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के इस वर्ष चुनाव होने है, जिसे लेकर उसने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लखनऊ स्थित इकाना स्टेडियम में होने वाले मुकाबलों के पास देकर विरोधियों के गतिरोध को दबाने की भरपूर कोशिश शुरू कर दी है। गौरतलब है कि इकाना स्टेडियम में आईपीएल के सात मैच खेले जाने हैं, जिसका पहला मैच मंगलवार को मेजबान लखनऊ सुपरजायटंस और पंजाब किंग्स के बीच खेला गया।
यूपीसीए में इस समय कई शीर्ष अधिकारियों के बीच तनातनी का माहौल छाया हुआ है। मेरठ के पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह पिछले दिनों यूपीसीए की कार्य प्रणाली पर सवाल भी उठा चुके हैं। इस वर्ष यूपीसीए में चुनाव होने हैं। जिसे लेकर सभी दावेदार अपनी-अपनी गणित बैठा रहे हैं। इन्हीं सबको देखते हुए यूपीसीए ने आईपीएल के जरिये सभी को खुश करने की भरपूर कोशिश शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष आईपीएल के शुरुआती मैचों में कॉम्प्लीमेंट्री पास न मिलने पर कई जिला इकाइयों ने काफी विरोध किया था। आधे मैच होने के बाद सभी को किसी तरह पास उपलब्ध कराये गये थे। लेकिन इस बार शुरू से ही सभी जिला इकाइयों को पांच-पांच पास मुहैय्या कराये गये हैं।
वहीं यूपीसीए डायरेक्टर को दस पास तथा एपेक्स सदस्यों को आठ पास दिए गये हैं।लखनऊ में मंगलवार को हुए मैच में यूपीसीए के शीर्ष अधिकारियों में केवल सचिव अरविंद श्रीवास्तव और संयुक्त सचिव रियासत अली ही मौजूद रहे। इसके अलावा जीएन तिवारी, मो.फहीम, सीईओ अंकित चटर्जी स्टेडियम में देखे गये।
जबकि अन्य शीर्ष अधिकारी नदारद रहे। बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह, गाजियाबाद के सचिव राकेश मिश्रा भी इकाना में मैच देखने नहीं पहुंचे। यूपीसीए में इस समय नये सचिव पद को लेकर कई लोग अपनी-अपनी दावेदारी करने में जुटे हैं, क्योंकि वर्तमान सचिव का कार्यकाल पूरा हो रहा है।
पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह का कूलिंग ऑफ पीरियड भी खत्म हो चुका है, वहीं राकेश मिश्रा, यूपीपीएल के अध्यक्ष डीएस चौहान भी नये सचिव के दावेदार हो सकते हंै।
वहीं संयुक्त सचिव के पास अभी दो साल का कार्यकाल शेष है।
माना जा रहा है कि अगले दो साल के लिए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप दी जाये। उधर यूपीसीए अध्यक्ष डा. निधिपति सिंघानिया का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। हालांकि उनके पास अभी दूसरा कार्यकाल शेष है।
इसलिये उम्मीद जतायी जा रही है कि वह अपने पद पर बरकरार रखे जाये। हालांकि पश्चिमी लॉबी को लेकर भी यूपीसीए में विरोध काफी है। जिसे देखते हुए शीर्ष अधिकारी आईपीएल पास बांटकर सभी में सांमजस्य बैठाने में लगे हैं।
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