Kanpur ।विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर 1947 के ऐतिहासिक विभाजन में अपनी जान गंवाने वाले लाखों अनाम व्यक्तियों के सम्मान में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय स्थित वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई प्रेक्षागृह में स्मृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में इस ऐतिहासिक त्रासदी में अपना जीवन गंवाने वाले लाखों लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई
।इस अवसर पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि भारतीय सभ्यता अत्यंत पुरानी है। मौर्य काल, गुप्त काल एवं ब्रिटिश शासन के दौरान देश अखंड स्वरूप में था। विभाजन की त्रासदी में हमने अपने देश के एक बड़े हिस्से को खोया है। 1947 में भारतीय उपमहाद्वीप में लोगों का बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ था। लगभग 10 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
साठ लाख से अधिक लोग पश्चिमी पंजाब, सिंध से आये थे। बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए और उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इन लोगों ने असंख्य मुसीबतों को झेला और संघर्ष किया। आज स्वतंत्र भारत की मौजूदा प्रगति में इनका अतुलनीय योगदान है। सीडीओ दीक्षा जैन ने कहा कि विभाजन की त्रासदी झेलने वाले लोगों के दुखों को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है।
उनके सम्मान में विभाजन से जुड़े राष्ट्रीय अभिलेखागार के अभिलेखों एवं ऐतिहासिक त्रासदी से जुड़ी पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया है। विभाजन में अंग्रेजों की भूमिका, मुस्लिम लीग की भूमिका, विभाजन के दौरान अनिश्चित भविष्य की यात्रा करते लोग, तत्कालीन प्रेस का नजरिया, महिलाओं के साथ हुई हिंसा की भयावहता को उकेरते चित्र शामिल हैं।
बड़ी संख्या में लोगों ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया।इस अवसर पर महेश मेघानी, लाल चंद्र, हेमंत कुमार गोपालानी, गुरविंदर सिंह छाबड़ा, डॉ मनप्रीत सिंह भट्टी, भजनवीर सिंह पाहुजा, नवजोत सिंह, रविंदर सिंह, त्रिलोचन पाल सिंह, हरमिंदर सिंह पुन्नी, दिलीप पलानी, मुरलीधर आहूजा, रमेश राजपाल, ललित कुमार, लक्ष्मण दास को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष के प्रतिनिधि सुरेंद्र अवस्थी ने भी श्रद्धाजंलि अर्पित की।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया। कार्यक्रम का संचालन राजेश यादव ने किया। इस दौरान एडीएम सिटी डॉ राजेश कुमार,डीडीओ आलोक कुमार सिंह, डीआईओएस संतोष राय, बीएसए सुरजीत कुमार सिंह, डीपीआरओ मनोज कुमार सहित विभिन्न अधिकारी एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित थे।