Kanpu। जनता दर्शन में एक मार्मिक मामला सामने आया, जिसमें 8 साल की नन्हीं कशिश की जिंदगी बदल गई। कशिश ने अपनी मां को खो दिया था और पिता ने भी उसे छोड़ दिया था। लेकिन जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की मानवीय पहल से अब कशिश को सिर पर छत और कानूनी संरक्षण दोनों मिल गए हैं।
कशिश के नाना चंद्रभान पांडेय ने जनता दर्शन में अपनी नातिन की कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी की मृत्यु के बाद कशिश को वह पाल-पोस रहे हैं, क्योंकि बच्ची के पिता ने दूसरी शादी कर उसे अपनाने से इनकार कर दिया है।जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल निर्देश दिए और जिला प्रोबेशन अधिकारी ने पूरी जानकारी बाल कल्याण समिति को दी। इसके बाद कशिश के नाना को बालिका का विधिक संरक्षक घोषित किया गया और आवश्यक आदेश जारी किए गए।
अब कशिश को अपनी मां का घर अधिकारपूर्वक मिल जाएगा। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि बालिका को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जोड़ा जाए, जिससे उसे 18 वर्ष तक ₹2500 प्रतिमाह की सहायता मिलती रहे। साथ ही उसका नाम समीप के विद्यालय में दर्ज कराने के आदेश भी दिए गए हैं।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शासन की मंशा यही है कि कोई पात्र और जरूरतमंद बच्चा सहायता से वंचित न रहे। निराश्रित बालिकाओं के संरक्षण और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रशासन पूरी संवेदनशीलता से कार्य कर रहा है।