Kanpur। जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक मंगलवार को उस वक्त हंगामे में बदल गई, जब अकबरपुर सांसद देवेंद्र सिंह भोले और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी आपस में भिड़ गए। विकास कार्यों की समीक्षा के लिए बुलाई गई यह बैठक अचानक राजनीतिक टकराव का मंच बन गई।
मामला तब शुरू हुआ जब पूर्व सांसद वारसी ने विभागीय कार्यों में पारदर्शिता पर सवाल उठाए। इस पर सांसद भोले ने बीच में टोकते हुए वारसी पर राजनीति करने का आरोप जड़ दिया। दोनों के बीच तीखी नोकझोंक बढ़ी तो माहौल गर्म हो गया। हालात बिगड़ते देख एसपी और एएसपी को हस्तक्षेप करना पड़ा।
अधिकारियों ने कराया हस्तक्षेप
जिलाधिकारी सहित मौजूद अफसरों ने दोनों नेताओं को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन तब तक बैठक का माहौल बिगड़ चुका था। हंगामे के चलते बैठक तत्काल स्थगित कर दी गई।
आरोप-प्रत्यारोप से गूंजा परिसर
वारसी ने सांसद भोले पर आरोप लगाया कि वे जिले के विकास कार्यों और फैक्ट्रियों से वसूली कर रहे हैं। वहीं, सांसद भोले ने पलटवार करते हुए कहा कि “वारसी को उपचार की जरूरत है, उनका व्यवहार विकास कार्यों में बाधा डाल रहा है।”
पुराना है वर्चस्व विवाद
राजनीतिक वर्चस्व की यह जंग नई नहीं है। वारसी, राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति हैं। कुछ महीने पहले प्रतिभा शुक्ला भी वर्चस्व विवाद को लेकर धरने पर बैठी थीं, जिससे जिले की राजनीति में हड़कंप मच गया था। अब वही टकराव सरकारी मंच तक पहुंच गया है।प्रशासन ने फिलहाल बैठक की अगली तिथि तय करने की बात कही है, लेकिन यह घटनाक्रम जिले में जनप्रतिनिधियों के आचरण और सियासी मर्यादा पर गंभीर सवाल छोड़ गया है।


